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बाल गोपाल

बच्चों को सुलाने के लिए के लिए इन तरीकों का करें इस्तेमाल

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पेरेंट्स अक्सर छोटे बच्चों का ध्यान रखने के लिए उन्हें सॉफ्ट टॉयज के साथ सुलाने की आदत डालते है लेकिन इसके साथ सुलाना आपके बच्चे के लिए खतरनाक हो सकता है। इसमें मौजूद हानिकारक केमिकल नवजात शिशु को नुकसान पहुचां सकते है। इसकी बजाए आप अपने बच्चे को दूसरे तरीकों से सुला सकते हो। इससे आपके बच्चे की नहीं भी पूरी हो जाएगी और उसकी सेहत को नुकसान भी नहीं होगा।

1. पालना – बच्चें को पालने में सुलाने की बजाए आप उसे बैड पर सुला सकते हो। एगर आपको उसके गिलने का डर है तो तकीए से उसके चारों तरफ दीवार बना दें। पालने में बच्चे को सुलाने से उसकी पीठ और गर्दन में दर्द होने का खतरा रहता है।

2. बिस्तर – बिस्तर पर नवजात शिशु को सुलाते समय इस बात का खास ख्याल रखें कि उसके आस-पास खिलौने न बिखरें हो। इससे बच्चे के हाथ पैर चलाने पर उसे चोट लग सकती है। इसके अलावा ऐसा करने से बच्चे की श्वसन तंत्र भी कमजोर होता है।

3. को-स्लीपिंग – उसे को अपने साथ सुलाते समय अपने बाथ पैरों का खास ख्याल रखें। कई बार नींद में पेरेंट्स के हाथ पैर बच्चे को लग जाते है। बच्चे को सुलाते समय उनके मुंह पर चादर न ढके। इससे उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।

4. सोने की पोजिशन – अक्सर मां बच्चे को वन साइड या पेट के बल सुला देती है। अगर आपका बच्चा पलटने लगा है तो यह उसके लिए खतरनाक हो सकता है। इसलिए बच्चे को हमेशा पीट के बल ही सुलाएं।

5. तापमान – बच्चे के सोने वाली जगह का तापमान न तो ज्यादा और न ही कम हो। एक उचित तापमान पर ही अपने बच्चे को सुलाएं। इसके अलावा उसे सुलाते समय एसी का प्रयोग न करें। एसी की हवा बच्चे के स्वास्थ के लिए ब्लकुल ठीक नहीं होती है।

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The author ramniwas

reporter chhotikashi dot com

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