नई दिल्ली – देश में हवाई यात्रियों को जहाज के अंदर अब अपने मोबाइल फोन को फ्लाइट मोड में डालने और इंटरनेट से महरूम रहने की मजबूरी नहीं होगी। दरअसल इस साल के अंत तक हवाई जहाज में इंटरनेट इस्तेमाल करने और फोन कॉल करने की सुविधा देने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है।
सूत्रों के अनुसार प्लेन में कॉल और इंटरनेट प्रयोग से संबंधित सिक्योरिटी ऑडिट हो गई है और ट्राई अब इसके लिए अंतिम तौर पर गाइडलाइंस बनाने में जुटा है। सरकार के अंदर ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स और डिपार्टमैंट ऑफ टैलीकॉम से हरी झंडी मिलने के बाद ट्राई को इसके लिए गाइडलाइंस बनाने को कहा गया था।
दूरसंचार नियामक ने परामर्श पत्र किया जारी – इस संबंध में लोग अपनी इच्छा दूरसंचार नियामक ट्राई के सामने रख सकते हैं। ट्राई ने हवाई यात्रा के दौरान विमान में पूर्ण मोबाइल सेवाओं की अनुमति देने को लेकर परामर्श प्रक्रिया शुरू की है ताकि इस विषय पर नियम तय किए जा सकें। नियामक ने इस बारे में परामर्श पत्र जारी किया है। दूरसंचार विभाग ने 10 अगस्त, 2017 को ट्राई से आग्रह किया था कि वह उड़ान के दौरान संचार (आई.एफ .सी.) के प्रावधानों के लिए लाइसैंस नियम और शर्तों पर अपनी सिफारिशें दे। नियामक ने कहा है कि आई.एफ .सी. के लिए बढ़ती मांग को देखते हुए यह पहल की जा रही है। इस बारे में 27 अक्तूबर तक लोग अपनी राय और सुझाव दे सकते हैं।
दुनिया की 30 प्रमुख एयरलाइंस कंपनियां दे रहीं सुविधा – दरअसल, हाल ही में एक खास तकनीक ‘मोबाइल कम्युनिकेशन सर्विस ऑन बोर्ड एयरक्राफ्ट’ की सुविधा से अब हवाई जहाज में मोबाइल से कॉल करना या डाटा का इस्तेमाल करना आसान हो गया है। इसके आने के बाद दुनिया की 30 प्रमुख एयरलाइंस कंपनियां यात्रियों को विमान में कॉल और नैट की सुविधा देने लगी हैं। प्लेन में मोबाइल फोन नैटवर्क एक पोर्टेबल टावर की मदद से चल सकता है। यह मशीन टैलीकॉम कंपनियों की मदद से एयरलाइंस कंपनियां लगा सकती हैं। ट्राई के प्रस्ताव के अनुसार जो कंपनियां हवाई जहाज में यह सुविधा देना चाहेंगी, उन्हें इसके लिए अलग से लाइसैंस लेना होगा।