भारत की आजादी और विभाजन के समय लुईस माउंटबेटन देश के वायसराय और बाद में भारत के पहले गवर्नर जनरल बने थे। ब्रिटिश हुकूमत ने उन्हें ही भारत को दो मुल्कों में बांटने का जिम्मा सौंपा था। माउंटबेटन ही वो शख्स थे जिसने भारत को सत्ता-हस्तांतरण के लिए 15 अगस्त की तारीख चुनी थी। लैरी कॉलिंग और डोमिनिक लैपियर ने अपनी किताब “फ्रीडम एट मिडनाइट” में माउंटबेटन द्वारा इस तारीख को चुनने की वजह बतायी है। किताब में माउंटबेटन कहते हैं, “ये दिन (15 अगस्त) मैंने यूं ही चुन लिया था। ये मैंने एक सवाल के जवाब के तौर पर चुना था।
मैं दिखाना चाहता था कि सब कुछ मेरे काबू में है। जब मुझे पूछा गया कि क्या कोई तारीख तय की गई है, तो मुझे पता था कि ये जल्दी होना चाहिए। तब तक मैंने सब कुछ तय नहीं किया था लेकिन मुझे लगा कि ये अगस्त या सितंबर हो सकता है और फिर मैंने 15 अगस्त की तारीख तय कर दी। क्यों? क्योंकि ये जापान के आत्मसमर्पण की दूसरी बरसी थी?” दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 15 अगस्त 1945 को जापान के राजा हिरोहितो ने आत्मसमर्पण कर दिया था। जापान के राजा ने इस दिन एक रेडियो पर जापान के आत्मसमर्पण की घोषणा की थी। जापान ने ब्रिटेन, अमेरिका और रूस इत्यादि देशों की एलाइज फोर्सेज के आगे आत्मसमर्पण किया था।
माउंटबेटन को विंस्टन चर्चिल के कमरे में बैठकर जापान के आत्मसमर्पण की खबर सुनने की याद थी। साउथ ईस्ट एशिया कमांड के सुप्रीम एलाइड कमांडर के तौर पर माउंटबेटन के सामने ही चार सितंबर 1945 जापान ने सिंगापुर में आधिकारिक तौर पर आत्म-समर्पण के दस्तावेज पर दस्तखत किए थे।
लेकिन पाकिस्तान को 14 अगस्त को आजादी कैसे मिली? सच ये है कि पाकिस्तान को भी 15 अगस्त को ही आजादी मिली। इंडिया इंडिपेंडेंस बिल के अनुसार दोनों देशों की आजादी की तारीख 15 अगस्त ही थी। पाकिस्तान बनने के बाद वहां जो पहला डाक टिकट जारी हुआ उस पर आजादी की तारीख 15 अगस्त ही छपी थी। पाकिस्तान बनने के बाद मोहम्मद अली जिन्ना ने अपने पहले भाषण में कहा था, “15 अगस्त संपभ्रु और स्वतंत्र देश पाकिस्तान का जन्मदिवस है। ये दिन मुस्लिम मुल्क की नियति की तामीर का दिन जिसके लिए पिछले कुछ सालों में बड़ी कुर्बानियां दी गईं।”
साल 1948 में पाकिस्तान ने 14 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाना शुरू कर दिया। इसके पीछे दो वजहें मानी जाती हैं। एक, कराची में सत्ता-हस्तांतरण का कार्यक्रम 14 अगस्त 1947 को हुआ था। दो, या इसलिए कि 14 अगस्त 1947 को रमजान का 27वां दिन था जो मुसलमानों के लिए काफी पवित्र माना जाता है। वजह जो भी हो 69 सालों से भारत और पाकिस्तान मुश्किल और लंबी जद्दोजहद के बाद मिली आजादी को देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत होकर मनाते हैं। दोनों देशों के करोड़ों लोगों के लिए तारीख से ज्यादा आजादी का मकसद ज्यादा मायने रखता है।