साल 1993 में मुंबई में हुए सीरियल ब्लास्ट केस में टाडा अदालत ने फैसला सुना दिया है मगर यह जानकर लोगों को हैरानी होगी कि गुनहगारों ने 1992 में बाबरी विध्वंस के बाद हुए गुजरात दंगों के दौरान मुस्लिम महिलाओं के रेप का वीडियो दिखा कर जिहाद के नाम पर इस ब्लास्ट की तैयारी की थी। इसके लिए सबसे पहले कुछ भारतीय मुस्लिम युवक पाकिस्तान पहुंचे और वहां विध्वंस करने और गोला-बारूद विस्फोट की ट्रेनिंग ली। ये लोग दुबई भी ले जाए गए, जहां उनका ब्रेन वाश जिहाद के नाम पर हुआ।
उन्हें घंटों तक गुजरात दंगों के दौरान मुस्लिम महिलाओं के रेप का वीडियो दिखाया गया। दिल में नफरत से लबरेज हो जाने के बाद इन्हें मुंबई में विस्फोट कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके लिए टाइगर मेमन आईएसआई की मदद से आठ टन आरडीएक्स लेकर आया था। इसमें उसका साध दाऊद इब्राहिम ने दिया था। मेमन और दौसा इस ऑपरेशन को अंजाम दे रहा था। इसका खुलासा एस हसन जैदी की किताब ‘माई नेम इज अबु सलेम’ में किया गया है।