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इतिहास

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1993 मुंबई ब्‍लास्‍ट : गुजरात दंगों में मुस्लिम मह‍िलाओं के रेप का वीड‍ियो द‍िखा कर की गई थी तैयारी, आठ टन आरडीएक्‍स लेकर आया था मेमन

साल 1993 में मुंबई में हुए सीरियल ब्लास्ट केस में टाडा अदालत ने फैसला सुना दिया है मगर यह जानकर लोगों को हैरानी होगी कि गुनहगारों ने 1992 में बाबरी विध्वंस के बाद हुए गुजरात दंगों के दौरान मुस्लिम महिलाओं के रेप का वीडियो दिखा कर जिहाद के नाम पर इस ब्लास्ट की तैयारी की थी। इसके लिए सबसे पहले कुछ भारतीय मुस्लिम युवक पाकिस्तान पहुंचे और वहां विध्वंस करने और गोला-बारूद विस्फोट की ट्रेनिंग ली। ये लोग दुबई भी ले जाए गए, जहां उनका ब्रेन वाश जिहाद के नाम पर हुआ।

उन्हें घंटों तक गुजरात दंगों के दौरान मुस्लिम महिलाओं के रेप का वीडियो दिखाया गया। दिल में नफरत से लबरेज हो जाने के बाद इन्हें मुंबई में विस्फोट कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके लिए टाइगर मेमन आईएसआई की मदद से आठ टन आरडीएक्स लेकर आया था। इसमें उसका साध दाऊद इब्राहिम ने दिया था। मेमन और दौसा इस ऑपरेशन को अंजाम दे रहा था। इसका खुलासा एस हसन जैदी की किताब ‘माई नेम इज अबु सलेम’ में किया गया है।

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1922 से अब तक अंग्रेजी राज से निकलकर अरबपति राज में पहुंच गया भारत : रिपार्ट

नई दिल्ली। भारत वर्ष 1922 के बाद से अब तक अंग्रेजी राज से अरबपति राज में पहुंच गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत की मात्र एक प्रतिशत आबादी की आमदनी देश की कुल 22 प्रतिशत आबादी की आय के बराबर है। यह आंकडा दो फ्रांसीसी अर्थशास्त्रियों थोमा पिकेत और लुका सॉसेल की ओर से जारी रिसर्च पेपर में दिए गए हैं। मंगलवार को इन रिसर्च पेपर का संशोधित संस्करण जारी किया गया। इन रिसर्च पेपर के अनुसार भारत में साल 1922 के बाद से असमानता की खाई सबसे ज्यादा गहरी हुई है। ज्ञातव्य है कि वर्ष 1922 में ही देश में पहली बार आय कर कानून की कल्पना की गई थी।

एक अखबार की रिपोर्ट के अनुसार यह रिसर्च पेपर भारतीय आय असमानता, 1922-2014: अंग्रेजी राज से अरबपति राज के नाम से जारी किए गए हैं। इन रिसर्च पेपर के अनुसार 1930 के दशक के आखिरी में भारत की एक प्रतिशत आबादी के पास कुल आमदमी का 21 प्रतिशत से कम हिस्से पर कब्जा था। वहीं 1980 में यह आंकडा घटकर 6 फीसदी पर पहुंच गया था लेकिन अब फिर से बढकर 22 प्रतिशत पर पहुंच गया है। ख्

1970-80 में आय असमानता न्यूनतम स्तर पर थी:- रिसर्च पेपर के अनुसार वर्ष 1970-1980 के दशक में आय असमानता गिरकर न्यूनतम स्तर पर आ गई थी। साथ ही उस प्रति व्यक्ति आय भी लगभग न्यूनतम स्तर पर थी। रिसर्च पेपर के अनुसार 1980 से 2014 के बीच फ्रांस और चीन की टॉप 0.1 प्रतिशत आबादी की आय सबसे निचले पायदान की 50 प्रतिशत आबादी की आय से 6 गुना तेजी से बढी है।

जबकि भारत में टॉप आबादी के एक प्रतिशत लोगों की आमदनी 13 गुना ज्यादा है और अमेरिका में यह 77 गुना है। रिसर्च पेपर में यह भी कहा कि भारत की गतिशीलता काफी तेज है। यह शीर्ष की एक प्रतिशत आबादी और बाकी लोगों की आर्थिक वृद्धि में सबसे ज्यादा अंतर वाला देश है।

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स्वतंत्रता दिवस 2017 : आजादी की तारीख 15 अगस्‍त ही क्‍यों? क्‍या था माउंटबेटन के द‍िमाग में, क्‍यों चुनी यह तारीख, जान‍िए

भारत की आजादी और विभाजन के समय लुईस माउंटबेटन देश के वायसराय और बाद में भारत के पहले गवर्नर जनरल बने थे। ब्रिटिश हुकूमत ने उन्हें ही भारत को दो मुल्कों में बांटने का जिम्मा सौंपा था। माउंटबेटन ही वो शख्स थे जिसने भारत को सत्ता-हस्तांतरण के लिए 15 अगस्त की तारीख चुनी थी। लैरी कॉलिंग और डोमिनिक लैपियर ने अपनी किताब “फ्रीडम एट मिडनाइट” में माउंटबेटन द्वारा इस तारीख को चुनने की वजह बतायी है। किताब में माउंटबेटन कहते हैं, “ये दिन (15 अगस्‍त) मैंने यूं ही चुन लिया था। ये मैंने एक सवाल के जवाब के तौर पर चुना था।

मैं दिखाना चाहता था कि सब कुछ मेरे काबू में है। जब मुझे पूछा गया कि क्या कोई तारीख तय की गई है, तो मुझे पता था कि ये जल्दी होना चाहिए। तब तक मैंने सब कुछ तय नहीं किया था लेकिन मुझे लगा कि ये अगस्त या सितंबर हो सकता है और फिर मैंने 15 अगस्त की तारीख तय कर दी। क्यों? क्योंकि ये जापान के आत्मसमर्पण की दूसरी बरसी थी?” दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 15 अगस्त 1945 को जापान के राजा हिरोहितो ने आत्मसमर्पण कर दिया था। जापान के राजा ने इस दिन एक रेडियो पर जापान के आत्मसमर्पण की घोषणा की थी। जापान ने ब्रिटेन, अमेरिका और रूस इत्यादि देशों की एलाइज फोर्सेज के आगे आत्मसमर्पण किया था।

माउंटबेटन को विंस्टन चर्चिल के कमरे में बैठकर जापान के आत्मसमर्पण की खबर सुनने की याद थी। साउथ ईस्ट एशिया कमांड के सुप्रीम एलाइड कमांडर के तौर पर माउंटबेटन के सामने ही चार सितंबर 1945 जापान ने सिंगापुर में आधिकारिक तौर पर आत्म-समर्पण के दस्तावेज पर दस्तखत किए थे।

लेकिन पाकिस्तान को 14 अगस्त को आजादी कैसे मिली? सच ये है कि पाकिस्तान को भी 15 अगस्त को ही आजादी मिली। इंडिया इंडिपेंडेंस बिल के अनुसार दोनों देशों की आजादी की तारीख 15 अगस्त ही थी। पाकिस्तान बनने के बाद वहां जो पहला डाक टिकट जारी हुआ उस पर आजादी की तारीख 15 अगस्त ही छपी थी। पाकिस्तान बनने के बाद मोहम्मद अली जिन्ना ने अपने पहले भाषण में कहा था, “15 अगस्त संपभ्रु और स्वतंत्र देश पाकिस्तान का जन्मदिवस है। ये दिन मुस्लिम मुल्क की नियति की तामीर का दिन जिसके लिए पिछले कुछ सालों में बड़ी कुर्बानियां दी गईं।”

साल 1948 में पाकिस्तान ने 14 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाना शुरू कर दिया। इसके पीछे दो वजहें मानी जाती हैं। एक, कराची में सत्ता-हस्तांतरण का कार्यक्रम 14 अगस्त 1947 को हुआ था। दो, या इसलिए कि 14 अगस्त 1947 को रमजान का 27वां दिन था जो मुसलमानों के लिए काफी पवित्र माना जाता है। वजह जो भी हो 69 सालों से भारत और पाकिस्तान मुश्किल और लंबी जद्दोजहद के बाद मिली आजादी को देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत होकर मनाते हैं। दोनों देशों के करोड़ों लोगों के लिए तारीख से ज्यादा आजादी का मकसद ज्यादा मायने रखता है।

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