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  • On July 6, 2017
Categories: देश

HC ने सत्येंद्र जैन की याचिका पर आयकर विभाग से मांगा जवाब

HC seeks response from Income Tax Department on Satyendra Jain's plea

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नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने आयकर विभाग से दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से कथित तौर पर जुड़ी कुछ संपत्तियों को कुर्क करने के लिए नए बेनामी कानून के तहत उसके आदेश के खिलाफ एक याचिका पर आज जवाब मांगा। अदालत ने आयकर विभाग को नोटिस जारी कर उसे जैन की याचिका पर हलफामा दायर करने का निर्देश दिया है। इस मामले पर अगली सुनवाई 11 अक्तूबर को होगी। याचिका पर सुनवाई के दौरान आयकर विभाग ने कहा कि इस पर विचार नहीं किया जाना चाहिए। बहरहाल, जैन के वकील ने कहा कि आयकर विभाग के पास इसका अधिकार क्षेत्र नहीं है। उन्होंने कहा, बिना अधिकार क्षेत्र के ही कार्यवाही की गई है। मैं मौजूदा मंत्री हूं और वे हर जगह मेरी मानहानि कर रहे हैं। इस पर न्यायालय ने आयकर विभाग से कहा, ‘यह बताते हुए हलफनामा दायर करें कि आपके पास अधिकार क्षेत्र है या नहीं, जैसा कि याचिकाकर्ता ने दावा किया है।’

‘कार्यवाही पर रोक लगाने से इंकार’
आयकर विभाग ने नए बेनामी संपत्ति लेनदेन निषेध कानून के तहत जैन के खिलाफ मामला दर्ज किया है। विभाग ने इस मामले में 30 करोड़ रुपए से अधिक कीमत की जमीन और अन्य संपत्ति अस्थायी तौर पर जब्त कर ली थी। आयकर विभाग की सिफारिश पर सीबीआई ने भी जैन के खिलाफ मामला दर्ज किया है। संपत्ति को शुरूआत में अस्थायी तौर पर 27 फरवरी को कुर्क किया गया और आयकर विभाग के इस आदेश को 24 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया जब तक कि सक्षम प्राधिकरण का इस पर अंतिम निर्णय नहीं आ जाता। अदालत ने पहले कहा था कि जैन की कथित संपत्तियों को अस्थायी तौर पर कुर्क करने के लिए नए बेनामी कानून के तहत आयकर विभाग के आदेश में कुछ भी गलत नहीं है। साथ ही अदालत ने मंत्री के अनुरोध पर सक्षम प्राधिकरण के समक्ष इस मामले की कार्यवाही पर रोक लगाने से भी इंकार कर दिया था।

‘जैन ने किया यह दावा’
जैन ने अपनी याचिका में कहा था कि यह कुर्की 1998 के बेनामी संपत्ति लेनदेन निषेध कानून के संशोधित प्रावधानों के अनुसार की गई और उन्होंने दावा किया कि 2016 के संशोधन इस मामले पर लागू नहीं होंगे। उन्होंने दलील दी कि कथित बेनामी लेनदेन, जिसकी आय कुर्क की गई संपत्ति से है, वह 2011 से 31 मार्च 2016 के बीच खरीदी गई और नवंबर 2016 से लागू हुए संशोधन इस पर लागू नहीं होंगे। बहरहाल, अदालत ने कहा था कि प्रथम दृष्टया जैन का मामला पहले के असंशोधित प्रावधानों के तहत भी आएगा। अदालत ने इस मामले में नोटिस जारी नहीं किया था और इस पर सुनवाई के लिए आज की तारीख तय की थी।

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dheeraj: Reporter, ChhotiKashi Dot Com

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