आनंदपाल एनकाउंटर प्रकरण में 12 जुलाई को सांवरदा में श्रद्धांजली सभा में अचानक हुए उपद्रव में आईपीएस मोनिका सैन को भी भीड़ ने काफी नुकसान पहुंचाया।
लेकिन सैन ने जब खुद को राजपूत बताया और बाद में राजपूती कपड़े पहनकर अपनी जान बचाई।
आईपीएस मोनिका सैन ने अपने साथ घटित उस खौफनाक मंजर के बारे में बताया कि शाम को अचानक नागौर जिला पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख को सूचना मिली कि रेलवे भीड़ रेलवे ट्रेक उखाड़ रही है और 8 काॅन्सटेबल को बंदी बना लिया गया है।
इनमें से तीन पर कैरोसीन भी छिड़क दिया गया है ओर आग लगाने जा रहे हैं।
इस पर एसपी देशमुख ने उन्हें साथ लिया और घटना स्थल की ओर बढ़ गए। उनके साथ दो गनमैन, एक ड्राईवर और एक अन्य हैड काॅन्सटेबल भी था।
घटनास्थल से लगभग 800 मीटर दुरी पर ही भीड़ ने उन पर पथराव शुरू कर दिया। जैसे-तैसे एसपी देशमुख ने समाज के नेताओं की गाड़ी में शरण ली और अपनी जान बचाई।
गाड़ी पर लाठी और पत्थर बरस रहे थे
आईपीएस मोनिका सैन बताती हैं कि वह मंजर काफी खौफनाक था। हजारों की संख्या में लोग और चारों तरफ से लाठियां व पत्थर बरसाए जा रहे थे।
गाड़ी एकाएक पलटने को हुई तो उन्होंने सभी को गाड़ी से उतरने के निर्देश दिए। सभी ने हैलमेट और जैकेट पहन रखा था। इससे काफी बचाव हुआ। भीड़ ने गनमैन की बंदूक छीन ली और सभी के साथ मारपीट शुरू कर दी।
उन पर भी डंडे बरसाए गए। उन्होंने अपना हैलमेट हटाकर राजपूत समाज की बेटी होने की बात लोगों से कही। जब लोगों ने देखा कि महिला है तो कुछ को रहम आ गया। उन्होंने उसे जैसे तैसे वहां से बचाकर निकाला।
वहां से छिपते छिपाते वह एक घर की ओर गई जहां कुछ महिलाएं खड़ी थी। महिलाओं ने अंदर ले जाकर बैठाया। वहां जाने के बाद ही उन्होंने स्थानीय थाना पुलिस से सम्पर्क किया। लगभग 40 मिनट वह उस घर में रूकी।
इसके बाद महिलाओं ने उन्हें राजपूती ड्रेस पहनने की सलाह दी। उन्होंने वर्दी के उपर ही राजपूती ड्रेस डाली और स्थानीय थानाधिकारी के साथ थाने पहुंची। थाने जाते ही एसपी पारिस देशमुख और गनमैन सहित अन्य के बारे में जानकारी ली।
नेताओं पर हो कार्रवाई
आईपीएस सैन ने कहा कि इतनी मात्रा में भीड़ एकत्रित करने वाले राजपूत समाज के नेताओं के खिलाफ अवश्य सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
क्योंकि जिस तरह से माहौल को बिगाड़ा गया और पुलिसकर्मियों के साथ बेरहमी से मारपीट की गई यह पूरी तरह कानून के खिलाफ है।
ऐसे लोगों पर यदि कार्रवाई नहीं होती है तो भविष्य में ऐसे दुसरे लोगों का मनोबल बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं से पुलिस का मनोबल गिरता है।