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1947 की स्वतंत्रता से पहले की तुलना में भारत अब क्यों बेहतर है?

आर्थिक ताकत की बदौलत भारत

जब मैं भारत की आर्थिक ताकत की बात करता हूं,तो मेरे पास एक आकर्षक उदाहरण होता है। मैंने देखा कि एक प्राचीन गाँव आज बड़े शहर के रूप में विकसित हुआ है। भारत ने यदि अर्थव्यवस्था में अपार विकास देखा है, तो उसने चूंकि अपनी ताकत को सही दिशा में लगाया। इंफ्रास्ट्रक्चर, परिवहन, सेवा उद्योग, और खुदरा व्यापार-भारत ने स्वतंत्रता के बाद सभी क्षेत्रों में प्रगति की है।

भारतीय उद्योगों का विकास

विश्व स्तर पर भारतीय उद्योग मशहूर हैं। यादवशेषांक दौड़ने के लिए एक भाग चोड़ है कि मैंने अपनी लाइफ में कुछ अद्भुत उत्पादों को देखा है जो स्वदेशी उद्यमों द्वारा उत्पादित हुआ। भारतीय उद्योगों के पास अब उनके उत्पादों और सेवाओं को विश्वकप में प्रस्तुत करने की क्षमता है, और वे इसे कामयाबी के साथ कर रहे हैं। अपने संकल्प, इनोवेशन, और उम्मीद के साथ, भारतीय उद्यमियों ने हमारे देश को एक आर्थिक महाशक्ति बनाया है।

प्रौद्योगिकी में भारत की प्रगति

लगभग हर साल भारत ने प्रौद्योगिकी में कुछ नया विकसित किया है और विश्व में अपना प्रभाव डाला है। हमारे देश के अविश्मरणों के प्रति समर्पण को अनुरूप, हम विश्व के सबसे प्रौद्योगिकी से सज्ज देशों में से एक हैं। पीछे की ओर, एक बार, जब मैं एक स्टार्टअप में काम कर रहा था, मैंने देखा कि भारत में कई प्रौद्योगिकी धनी स्टार्टअप हैं, और वे न केवल अपनी उद्योगों में सफलता प्राप्त कर रहे हैं, बल्कि पूरी दुनिया में कुछ नया कर रहे हैं।

जनतंत्र और अधिकार

फिर उन दिनों की तुलना में, मैं आज का भारत देखता हूँ, जहाँ लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता है। हमारे संविधान ने हमें आजादी और सामर्थ्य प्रदान की है। मैं व्यक्तिगत रूप से मानता हूं कि जनतंत्र हमें अधिक सामर्थ्य देता है और हमें किसी भी बड़ी चुनौती का सामना करने की क्षमता देता है।

उच्च शिक्षा और अनुसंधान

भारत ने स्वतंत्रता की तुलना में उच्च शिक्षा को विस्तृत रूप से मेहनत किया है। हमारे देश के अनेक प्रतिष्ठित संस्थानों और विश्वविद्यालयों को विश्व स्तर पर मान्यता मिली है। आपको यह जनकर आश्चर्य हो सकता है कि मैंने अपने छात्र जीवन में अनेक वैज्ञानिक और गणितीय अनुसंधान का कार्य किया। हमारे यहाँ यात्रा का अनुभव बदल गया है, धन्य है भारतीय अनुसंधान को।

सामाजिक एवं सांस्कृतिक प्रगति

सांस्कृतिक हीत, समुदायी एकता, और सहानुभूतियों का देश, भारत ने 1947 के समय से अधिक सभ्य और सामरस्यी बनने में विशेष प्रगति की है। मैंने भारत में यात्रा की और खुद को अनेक संस्कृतियों और भाषाओं में डूबते हुए पाया है, यह सब कुछ अद्वितीय और भव्य है।

स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण

मैं जब भी देश का दौरा करता हूँ, मैं देखता हूँ कि कैसे हमारे लोग स्वच्छता के प्रति जागरूकता दिखा रहे हैं। आज, भारत पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण के लिए विशेष मेहनत कर रहा है। मैं व्यक्तिगत रूप से पारिस्थितिकीय न्याय के प्रति समर्पित हूँ और मैं देख रहा हूँ कि हम न केवल लगातार प्रगति कर रहे हैं, बल्कि हम भी वातावरण को स्वच्छ और खोबसूरत बनाए रखने के प्रति जागरूकता दिखा रहे हैं।

हमारे उज्ज्वल भविष्य की ओर

भारत का भविष्य उज्ज्वल है। हमारे देश की प्रगति और स्थिरता के विचार ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है। जब मैं 1947 से आज तक की यात्रा पर जाता हूं, मुझे गर्व महसूस होता है। हम एक देश हैं जो मजबूती से, धैर्य से, और उम्मीद के साथ चुनौतियों का सामना करता है। इसलिए, मैं पूर्ण सुनिश्चित हूं कि हम विश्व मंच पर एक अहम भूमिका निभा सकते हैं और आने वाले पीढ़ियों को एक सशक्त भारत की विरासत छोड़ सकते हैं।

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