मेरठ। 2 दिन पूर्व साईंपुरम के पीछे मिले लाश की शिनाख्त होने के साथ ही चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। कर्ज में डूबे एक व्यक्ति ने अंधा कानून फिल्म देखकर अपने ही दोस्त की हत्या की पटकथा लिख डाली। लाश की पहचान न हो, इसलिए उसे तेजाब से जला दिया। इस लाश को अपना दर्शाने के लिए अपना आधार कार्ड और शर्ट वहां डाल दी। लेकिन कानून की गिरफ्त से बच नहीं पाया और ब्रह्मपुरी थाना पुलिस ने उसे जिंदा अरेस्ट कर इसका खुलासा कर दिया।
वैसे तो आप हत्या, लूट, चोरी और गैंगरेप जैसी घटनाएं आये दिन सुनते व पढ़ते रहते होंगे, लेकिन जिस वारदात के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं उसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे।
ब्रह्मपुरी थानाक्षेत्र अंतर्गत साईंपुरम में खाली पड़े प्लाट में 27 जून को एक व्यक्ति का लावारिस शव मिला था। लाश बुरी तरह से जला हुआ था, जिसकी शिनाख्त नहीं हुई थी। पुलिस ने लाश के पास से एक आधार कार्ड और अधजली शर्ट बरामद की थी। यह आधार कार्ड मोबीन पुत्र मुनफेद निवासी इत्तफाक नगर लिसाड़ी गेट के नाम का था। जिस पर पुलिस लाश को मोबीन का समझकर उसके घर पहुंची तो परिवारवालों ने भी दो दिन से उसका कोई अता- पता न होने की बात कही।
इंस्पेक्टर ब्रह्मपुरी अजय अग्रवाल को शक हुआ कि आखिर लाश के पास आधार कार्ड क्यों पड़ा मिला। स्थानीय लोगों ने बताया कि मोबीन का एक दोस्त आरिफ उर्फ मामा (25) पुत्र गफ्फार निवासी शानदार गार्डन लिसाड़ी गेट है। पुलिस आरिफ के घर गई और परिवारवालों से पूछताछ की। परिवारवालों ने लाश देखा। गले में ताबीज और चप्पल के आधार पर परिवारवालों बोले कि यह लाश आरिफ का है।
CO ब्रह्मपुरी धर्मेंद्र चौहान के अनुसार हत्यारोपी मोबीन को दिल्ली रोड से अरेस्ट कर लिया गया। उसे बृहस्पतिवार को मीडिया के सामने पेश किया गया। CO के मुताबिक अपराधी मोबीन ने बताया वह फल मंडी में काम करता था। व्यापारियों का उस पर एक लाख रुपये से ज्यादा का कर्ज है। आरिफ उसका दोस्त था। उसने आरिफ को शराब पिलाकर गला घोटकर मारा था और पहचान छिपाने के लिए लाश तेजाब से जलाया था। लोग यह लाश मेरा (मोबीन का) समझें इसलिए लाश के पास अपना आधार कार्ड और शर्ट डाली थी। ताकि मेरे मरने का पता चलने पर कोई व्यापारी तगादा न कर सके।
इंस्पेक्टर ब्रह्मपुरी ने बताया कि हत्यारोपी मोबीन मुंबई भागना चाहता था। मोबीन ने बताया कि उसने अंधा कानून फिल्म देखकर अपने दोस्त की हत्या कर खुद को अंडरग्राउंड करने का प्लान बनाया था। वह मुंबई भागने की फिराक में था। लेकिन उससे पहले ही पुलिस के हत्थे चढ़ गया। हत्यारोपी की निशानदेही पर आरिफ के कपड़े एक झाड़ी से बरामद कर लिए गए।