भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अपनी बयानबाजी को लेकर अक्सर चर्चाओं में रहते हैं। सिंह आज यानी दशहरा पर्व से नर्मदा नदी के तटों पर पैदल यात्रा शुरू कर रहे हैं जिसको लेकर एक सामान्य सी परेशानी उनकी चिंता का विषय बनी हुई है। उनकी यह यात्रा अगले 6 महीने तक चलेगी और इस दौरान वो शौच कहां करेंगे, ये ही परेशानी उनको खाए जा रही है। इस यात्रा के दौरान शिवराज सरकार ने ना ही तो उनके लिए चलित शौचालय की व्यवस्था की है वहीं खुले में शौच पर भी मध्यप्रदेश में रोक लगी हुई है।
बताया जा रहा है कि दिग्विजय इस यात्रा के दौरान सरदार सरोवर बांध के विस्थापितों व नदी की सफाई को लेकर लोगों से मिलेंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय ने इस 3,300 किलोमीटर लम्बी यात्रा के लिए राज्य सरकार से एक चलित शौचालय उपलब्ध कराने की मांग की थी लेकिन सरकार का अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। जिस पर दिग्विजय ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान की आड़ में कई तुगलकी फरमान लागू किए गए हैं जिनमें खुले में शौच करने वालों की लुंगियां तक जब्त की जा रही है। दिग्विजय ने कहा कि मैं नहीं चाहता कि इस यात्रा के दौरान कोई मेरी और मेरे साथियों की धोतियां उठा ले जाएं।
गौरतलब है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने बीते दिनों एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होने आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग करते हुए पीएम मोदी और उनके समर्थकों का मजाक उड़ाया था। दिग्विजय सिंह ने इस टवीट पोस्ट में आपत्तिजनक शब्दों के साथ पीएम मोदी की दो उपलब्धियां गिनाई। इन उपलध्यिों के जरिए पीएम मोदी और उनके समर्थकों के खिलाफ दो बार गालियों का प्रयोग किया गया। इस ट्वीट में पीएम मोदी के समर्थकों को भक्त कहा गया।
टवीटर पर दिग्विजय ने पीएम मोदी की फोटो पोस्ट करते हुए लिखा कि यह कैप्शन मेरा नहीं है लेकिन इसे पोस्ट करने से खुद को रोक नहीं पाया। ट्विटर पर बड़ी सावधानी के साथ दिग्विजय सिंह ने यह भी लिखा कि जो भी व्यक्ति इस पोस्ट से संबद्ध है मैं उनसे क्षमा चाहता हूं। दिग्विजय ने हालांकि बाद में यह ट्वीट डिलीट कर दिया था। जिसके बाद बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि हार से निराश कांग्रेस अपनी मानसिक संतुलन खो चुकी है।