जयपुर। नींदड़ में किसान और महिलाएं भूखे-प्यासे रहकर सरकार के खिलाफ अपनी जंग लड़ रहे हैं। खास बात ये है कि करवा चौथ का व्रत भी महिलाओं ने किया हुआ है। इन महिलाओं ने गड्ढों में रहकर ही अपना व्रत खोला और पति की दीर्घायु की कामना की। पति भी अपनी जान जोखिम में डालकर गहरे जमीन के गड्ढों में जमीन समाधि लिए हुए हैं, बावजूद इसके सरकारी कारिंदों का दिल अभी तक नहीं पसीजा। चांद देखने के बाद महिलाएं जमीन समाधि लिए हुए पतियों के पास पहुंची और पूजा कर उनके हाथ से पानी पीकर व्रत खोला।
नींदड़ में सरकार की ओर से 1350 बीघा जमीन आवाप्ति के बचाव में लगे हुए किसानों और महिलाओं का धरना पिछले 21 दिनों से जारी है। लेकिन सरकार की ओर से अभी तक कोई स्पष्ट रूख सामने नही आ पाया है। हालांकि किसानों और जेडीसी के बीच हुई वार्ता के बाद दोबारा सर्वे किए जाने को लेकर सहमति बन गई थी, बावजूद इसके अभी तक जेडीए ने सर्वे नही किया। लिहाजा किसानों का जमीन समाधि सत्याग्रह अभी जारी है।
खास बात ये है कि करवा चौथ का व्रत होने के बावजूद महिलाएं सरकार के खिलाफ अन्न त्याग इस व्रत को रख रही हैं। जमीन समाधि सत्याग्रह कर रही इन महिलाओं ने जमीन के अंदर रहकर ही चांद देखा और अपना व्रत खोला।
हालांकि किसान भी अन्न त्याग कर सरकार के खिलाफ अपना आंदोलन जारी किए हुए हैं। ऐसे में इन किसानों की अन्न त्याग देने के बाद तबीयत खराब होने लगी है। किसानों और महिलाओं का कहना है कि चाहे करवा चौथ का व्रत हो, या आंधी तूफान आ जाए, लेकिन वो अपना आंदोलन समाप्त नहीं करेंगी, जब तक जेडीए उनकी मांगें पूरी नहीं कर देता है।