मुंबई। पश्चिम रेलवे में टिकट जांच करने वाले संग्राहकों का आरोप है कि बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्रियों से जुर्माना वसूलने के संबंध में उन्हें अव्यावहारिक लक्ष्य दिए जा रहे हैं और इसे पूरा नहीं करने पर सुपरवाइजर कार्रवाई कर रहे हें। हालांकि, पश्चिम रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि बिना टिकट यात्रा करने वालों की संख्या में वृद्धि की जानकारी मिलने पर लक्ष्य की समीक्षा करना सामान्य बात है।
हालांकि टिकट संग्राहकों का प्रतिनिधित्व करने वाले मंच का कहना है कि इससे कर्मचारियों का नैतिक मनोबल गिरता है। पहचान गुप्त रखने के आधार पर एक टिकट संग्राहक ने कहा कि इस वर्ष अप्रैल में लक्ष्य की समीक्षा की गयी।
उनका दावा है कि भीड़-भाड़ वाले समय में मेल या एक्सप्रेस ट्रेन से एक संग्राहक को बिना टिकट यात्रा करने वालों से प्रतिदिन जुर्माने के रूप में 8000 रुपए वसूलने हैं जबकि अन्य घंटों में यह राशि 6000 रुपए होगी। उनका दावा है कि लोकल ट्रेनों में ड्यूटी करने वाले संग्राहकों को 4000 रूपए प्रतिदिन जुर्माना वसूलना है।