close
धर्म-ज्योतिष

अमावस्या पर अपनाएं ये है विशेष पूजन विधि और उपाय, सूर्य ग्रहण भी नहीं कर पायेगा प्रभावित

Want create site? Find Free WordPress Themes and plugins.

 गुरुवार दिनांक 15.02.18 को फाल्गुनी श्रवण अमावस्या मनाई जाएगी। यह हिंदू वर्ष की अंतिम अमावस्या है। फाल्गुन अमावस्या का शास्त्रों में अत्यधिक महत्व है। मान्यतानुसार फाल्गुन अमावस्या पर देवताओं का निवास संगम के तट पर होता है। अतः इस दिन गंगा, यमुना व सरस्वती के संगम में स्नान कर देवों का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है।

इस दिन संभवतः ब्राह्मणों को मीठा भोजन करवाकर व गरीबों को दान करके व स्वयं भी मीठा भोजन किया जाता है। शास्त्रों में इसे विष्णु पूजन हेतु श्रेष्ठ बताया गया है। यह उन श्रेष्ठ दिनों में से एक है जब श्रीहरि विष्णु के वाचिक जाप करने का पुण्यफल प्राप्त होता है। दक्षिण भारतीय संप्रदाय में इस दिन श्रवण नक्षत्र होने पर इस अमावस्या को फाल्गुनी श्रवण अमावस्या कहते हैं।

इस दिन पूर्वजों के निमित श्राद्ध तर्पण दान स्नान कर्म किया जाता है। इस साल फाल्गुनी श्रवण अमावस्या पर ही साल का पहला सूर्य ग्रहण है। ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा अतः इसका सूतक भी मान्य नहीं है। परंतु यह अमावस्य पितृ मोक्ष हेतु श्रेष्ठ है। ग्रहण काल में पितृ हेतु तर्पण, दान व मोक्ष पर तीर्थ में स्नान का बड़ा महत्व है। फाल्गुनी श्रवण अमावस्या विशेष पूजन व उपाय से संतानहीनता से मुक्ति मिलती है, पितृदोष से मुक्ति मिलती है व दुर्भाग्य दूर होता है।

विशेष पूजन विधि
घर की उत्तर दिशा में पीले वस्त्र पर भगवान विष्णु का चित्र स्थापित कर विधिवत पंचोपचार पूजन करें। हल्दी मिले घी का दीप करें, सुगंधित धूप करें। केसर से तिलक करें। पीले फूल चढ़ाएं। केले चढ़ाएं, बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। भागवत गीता के पंद्रहवें अध्याय का पाठ करें और इसके बाद किसी माला से इस विशेष मंत्र का 1 माला जाप करें। पूजन उपरांत भोग पीली आभा लिए गाय को खिलाएं।

पूजन मुहूर्त: 
शाम 15:30 से शाम 16:30 तक है।

पूजन मंत्र: 
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः॥

Did you find apk for android? You can find new Free Android Games and apps.
Tags : featured

The author N D Joshi

Leave a Response

Close
Login
Close
Login
Close
Login
Close
Login
Close
Login