close

धर्म-ज्योतिष

धर्म-ज्योतिष

धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त, किस समय, क्या खरीदें

दीपावली से दो दिन पहले धनतेरस मनाया जाता है । कार्तिक मास के कृष्णा पक्ष में त्रयोदशी को धनतेरस यानी धद्धतिरि त्रयोदशी के दिन धन और ऐश्वर्य के देवता धन्वंतरि की पूजा की जाती है । आयुर्वेद में धन्वंतरि भगवान को अमृत औषधि का देवता कहा जाता है । धन्वंतरि समुद्र मंथन के समय अपने हाथों में अमृत लेकर पैदा हुए थे ।

धनतेरस पर खरीदारी करना बहुत शुभ पना जाता है । कहते है कि इस दिन की गई खरीदारी पूरे साल भर बरकत लाती है । खासकर इस दिन सोने चांदी का सामान और बर्तन खरीदने का प्रचलन ज्यादा है। कहा जाता है कि आज के दिन धातु खरीदने से धन्वंतरि भगवान खुश होते हैं और इस दिन धन्वंतरि की पूजा से भाग्य का उदय होता है ।

व्यापारियों में खासकर इस दिन तिजोरी और गद्दी की पूजा होती है, कहा जाता है कि जो इस दिन धनतेरस की पूजा करता है, उसके व्यापार में तेरह गुना की वृद्धि होती है ।

क्या है धनतेरस पर खरीदारी का शुभ समय

धनतेरस पर अगर आप भी खरीदारी को योजना बना रहे हैं तो खरीदारी पर निकलने से पहले शुभ मुहूर्त जरूर जान लें ताकि आपकी खरीदारी आपको और भी शुभ फ़ल देगी ।

1. धनतेरस के दिन सुबह साढे सात बजे तक दवाएं और खाद्यान को खरीदारी करना शुभ होगा ।

2. जिन्हें वाहन खरीदना है उनके लिए दो बजकर 12 मिनट तक समय अच्छा लें ।

3. इलेक्ट्रानिक उत्पाद और गैंजेट खरीदने के लिए सुबह नौ बजे से दो बजकर 40 मिनट तक का शुभ समय बताया जा रहा ।

4. जिन्हें बर्तन, सोने के आभूषण, गिफ्ट आइटम, खिलौने और कपड़े खरीदने है वो शाम साढे पांच बजे तक इन चीजों को खरीदारी कर सकते है ।

5. घरेलू सामान की खरीद के लिए साढे सात बजे तक का समय उपयुक्त कहा गया है ।

धनतेरस की पूजा का शुभ समय

धनतेरस पर इस बार बेहद शुभ संयोग बन रहा है क्योंकि इस बार धनतेरस पर तीन-तीन योग एक साथ बन रहे हैं । ऐसे में शुभ समय देखकर ही धन्वंतरि भगवान की पूजा करना अपको धन और ऐश्वर्य से संपन्न देगा । पूजा का शुभ मुहूर्त सांय काल 6. 12 मिनट से 8 28 मिनट तक चलेगा । रात 11.29 मिनट से त्रयोदशी लग जाएगी ।

झाडू खरीदने का महत्व

कहा जाता हैकि धनतेरस के दिन खरीदारी करते वक्त नई झाडू जरूर खरीदनी चाहिए । ऐसा करने के पीछे का तर्क दिया जाता है कि झाडू लश्मी और धन क्या का प्रतीक है और इस दिन खरीदने से साल भर घर में धन और ऐश्वर्य टिका रहता ।

read more
धर्म-ज्योतिष

दिवाली स्पेशल : दिवाली के पहले दिन नरक चतुर्दशी का होता हैं विशेष महत्व, इसदिन यमराज करता हैं आपके पापो का नाश

नरक चतुर्दशी लोगो के लिए विशेष महत्वपूर्ण दिन रहता हैं कहा जाता हैं की इस दिन यम की अच्छे से पूजा की जाए तो कभी भी नरक का दरवाजा देखना नहीं पड़ेगा और हमारे सभी पापो का नाश हो जायेगा, जानिए खबर आप भी ?

दिवाली के एक दिन पहले चतुर्दशी का विशेष महत्त्व माना जाता हैं इस दिन यमराज की पूजा की जाती हैं जिसके कारण नरक के भय का नाश होता हैं और सारे पाप कट जाते हैं और आपको सुख समृद्धि की प्राप्ति होती हैं।

 

चतुर्दशी के दिन जल्दी उठकर सूर्योदय से पहले नहाते समय अपामार्ग, लौकी और जायफल इनको अपने मस्तक पर घुमाये और प्राथना करे की हे अपामार्ग में कांटे,पत्तियों आदि के साथ तुमको बार बार अपने मस्तक पर घुमा रहा हूँ। मेरे द्वारा अनजाने में हुई गलतियों के पाप का आप नाश करे। इसके बाद यमराज के नामो को चार-पांच बार मनन करे।

read more
धर्म-ज्योतिष

प्रभु की नगरी है हरिद्वार, यहाँ धुल जाते हैं सभी के पाप

‘हरिद्वार’ हिन्दू धर्म के अनुयायियों का प्रसिद्ध प्राचीन तीर्थ स्थान है। यहाँ पहाड़ियों से निकल कर भागीरथी गंगा पहली बार मैदानी क्षेत्र में आती हैं। गंगा के उत्तरी भाग में बसे हुए ‘बदरीनारायण’ तथा ‘केदारनाथ’ नामक भगवान विष्णु और शिव के प्रसिद्ध तीर्थों के लिये इसी स्थान से मार्ग जाता है। इसीलिए इसे ‘हरिद्वार’ तथा ‘हरद्वार’ दोनों ही नामों से अभिहित किया जाता है। हरिद्वार का प्राचीन पौराणिक नाम ‘माया’ या ‘मायापुरी’ है, जिसकी सप्त मोक्षदायिनी पुरियों में गणना की जाती थी। हरिद्वार का एक भाग आज भी ‘मायापुरी’ नाम से प्रसिद्ध है। महाभारत में हरिद्वार को ‘गंगाद्वार’ कहा गया है।

कहा जाता है समुद्र मंथन से प्राप्त किया गया अमृत यहाँ गिरा था। इसी कारण यहाँ कुंभ का मेला आयोजित किया जाता है। हरिद्वार में ही राजा धृतराष्ट्र के मन्त्री विदुर ने मैत्री मुनि के यहाँ अध्ययन किया था। कपिल मुनि ने भी यहाँ तपस्या की थी। इसलिए इस स्थान को कपिलास्थान भी कहा जाता है। कहा जाता है कि राजा श्वेत ने हर की पौड़ी में भगवान ब्रह्मा की पूजा की थी। राजा की भक्ति से प्रसन्न होकर ब्रह्मा ने जब वरदान मांगने को कहा तो राजा ने वरदान मांगा कि इस स्थान को ईश्वर के नाम से जाना जाए। तब से हर की पौड़ी के जल को ब्रह्मकुण्ड के नाम से भी जाना जाता है।
धार्मिक स्थल
हर की पौड़ी- यह स्थान भारत के सबसे पवित्र घाटों में एक है। कहा जाता है कि यह घाट विक्रमादित्य ने अपने भाई भतृहरि की याद में बनवाया था। इस घाट को ‘ब्रह्मकुण्ड’ के नाम से भी जाना जाता है। वैसे तो गंगा में नहाने को ही मोक्ष देने वाला माना जाता है लेकिन किवदन्ती है कि हर की पौडी में स्नान करने से जन्म जन्म के पाप धुल जाते हैं। शाम के वक़्त यहाँ महाआरती आयोजित की जाती है। गंगा नदी में बहते असंख्य सुनहरे दीपों की आभा यहाँ बेहद आकर्षक लगती है। हरिद्वार की सबसे अनोखी चीज़ है शाम होने वाली गंगा की आरती। हर शाम हज़ारों दीपकों के साथ गंगा की आरती की जाती है। पानी में दिखाई देती दीयों की रोशनी हज़ारों टिमटिमाते तारों की तरह लगती है। हरिद्वार में बहुत सारे मंदिर और आश्रम हैं।
मनसा देवी का मंदिर- हर की पौडी के पीछे के बलवा पर्वत की चोटी पर मनसा देवी का मंदिर बना है। मंदिर तक जाने के लिए पैदल रास्ता है। मंदिर जाने के लिए रोप वे भी है। पहाड़ की चोटी से हरिद्वार का ख़ूबसूरत नज़ारा देखा जा सकता है। देवी मनसा देवी की एक प्रतिमा के तीन मुख और पांच भुजाएं हैं जबकि अन्य प्रतिमा की आठ भुजाएं हैं।
चंडी देवी मंदिर- गंगा नदी के दूसरी ओर नील पर्वत पर यह मंदिर बना हुआ है। यह मंदिर कश्मीर के राजा सुचेत सिंह द्वारा 1929 ई. में बनवाया गया था। कहा जाता है कि आदिशंकराचार्य ने आठवीं शताब्दी में चंडी देवी की मूल प्रतिमा यहाँ स्थापित करवाई थी। किवदंतियों के अनुसार चंडी देवी ने शुंभ निशुंभ के सेनापति चंद और मुंड को यहीं मारा था। चंडीघाट से 3 किलोमीटर की ट्रैकिंग के बाद यहाँ पहुंचा जा सकता है। अब इस मंदिर के लिए भी रोप वे भी बना दिया गया है।
माया देवी मंदिर- माया देवी मंदिर भारत के प्रमुख शक्तिपीठों में एक है। कहा जाता है कि शिव की पत्नी सती का हृदय और नाभि यहीं गिरा था। माया देवी को हरिद्वार की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है, जिसका इतिहास 11 शताब्दी से उपलब्ध है। मंदिर के बगल में ‘आनंद भैरव का मंदिर’ भी है। पर्व-त्योहारों के समय बड़ी संख्या में श्रद्धालु माया देवी मंदिर के दर्शन करने को पहुंचते हैं।
सप्तऋषि आश्रम- इस आश्रम के सामने गंगा नदी सात धाराओं में बहती है इसलिए इस स्थान को सप्त सागर भी कहा जाता है। माना जाता है कि जब गंगा नदी बहती हुई आ रही थीं तो यहाँ सात ऋषि गहन तपस्या में लीन थे। गंगा ने उनकी तपस्या में विघ्न नहीं डाला और स्वयं को सात हिस्सों में विभाजित कर अपना मार्ग बदल लिया। इसलिए इसे ‘सप्‍त सागर’ भी कहा जाता है।
दक्ष महादेव मंदिर- यह प्राचीन मंदिर नगर के दक्षिण में स्थित है। सती के पिता राजा दक्ष की याद में यह मंदिर बनवाया गया है। किवदंतियों के अनुसार सती के पिता राजा दक्ष ने यहाँ एक विशाल यज्ञ का आयोजन किया था। यज्ञ में उन्होंने शिव को नहीं आमन्त्रित किया। अपने पति का अपमान देख सती ने यज्ञ कुण्ड में आत्मदाह कर लिया। इससे शिव के अनुयायी गण उत्तेजित हो गए और दक्ष को मार डाला। बाद में शिव ने उन्हें पुनर्जीवित कर दिया।
कैसे पहुँचें
यात्री वायुमार्ग, रेल मार्ग या सड़क मार्ग द्वारा हरिद्वार पहुँच सकते हैं। इस स्थान का सबसे निकटतम घरेलू हवाई अड्डा ‘जॉली ग्रांट हवाई अड्डा’ है, जो लगभग 20 किमी दूर स्थित है। यह दिल्ली के ‘इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे’ से भी नियमित उड़ानों द्वारा जुड़ा हुआ है। सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन हरिद्वार रेलवे स्टेशन है, जो भारत के सभी मुख्य शहरों से जुड़ा हुआ है। देश के विभिन्न भागों से बसों द्वारा भी यहाँ पहुंचा जा सकता है।
read more
धर्म-ज्योतिष

राशिफल : 03 अक्टूबर: कैसा रहेगा आपके लिए मंगलवार का दिन, जानने के लिए क्लिक करें

आज सूर्य कन्या राशि में रहेगा और चंद्रमा मकर राशि को त्यागकर कुम्भ राशि में प्रवेश करेगा, इन दोनों को आज शतभिषा नक्षत्र का साथ मिलेगा। इनका साथ आपके जीवन में क्या उतार-चढ़ाव लेकर आएगा। आइए डालते हैं आज के राशिफल पर एक नजर……

मेष :-

किसी महत्वपूर्ण कार्य में अवरोध से मन चिंतित होगा, विद्वान व्यक्ति के विचारों से प्रभावित मन में उत्साह का संचार होगा।

वृष :-

पुरानी समस्याओं पर विजय प्राप्त कर उत्साहित होंगे, नियोजित कार्यकुशलता से प्रगति के लिए आशान्वित होंगे। आज आप पर बजरंगबली की विशेष कृपा बनी रहेगी।

मिथुन :-

आज आपको कुछ अच्छे अवसर प्राप्त होंगे, इस कारण आपका मन प्रसन्न रहेगा, वहीं जीवन साथी का स्वास्थ्य भी खराब हो सकता है।

कर्क :-

कोई नई जिज्ञासा मन को अपनी ओर आकर्षित करेगी, भौतिक सुख-साधनों की लालसा बढ़ेगी।

सिंह :-

किसी महत्वपूर्ण निर्णय को लेने में मन दुविधाग्रस्त होगा, जीवन साथी के साथ मधुरता कायम रखें।

कन्या :-

समस्याओं के समाधान हेतु मन नई युक्तियों पर केंद्रित होगा, महत्वपूर्ण कार्यों के प्रति आलस्य न करें।

तुला :-

मन सकारात्मक विचारों से प्रभावित रहेगा, नाजुक संबंधों में संतुलित व्यवहार एवं मधुर वाणी का प्रयोग करें।

वृश्चिक :-

सभी प्रकार के दायित्वों की पूर्ति हेतु संतुलित योजना पर चलें, किसी महत्वपूर्ण निर्णय में संबंधियों का सहयोग प्राप्त होगा।

धनु :-

क्षमता से परे किसी कार्य की जिम्मेदारी लेना हानिकार हो सकता है, रोजगार में लाभकारी अवसर प्राप्त होंगे।

मकर :-

कोई नई जिज्ञासा मन को आकर्षित करेगी, भौतिक सुख-साधनों की लालसा बढ़ेगी, रोजगार क्षेत्र में नए अवसर प्राप्त होंगे।
कुंभ :-

स्वयं पर भरोसा रख योजनाओं को सुचारु रुप से क्रियान्वित करें, दोस्तों में सरल एवं व्यावहारिक बनने की कोशिश करें।

मीन :-

नए समीकरण से कार्य क्षमता बढ़ेगी, प्रणय संबंध प्रगाढ़ होंगे, जीवन साथी के साथ मधुरता कायम रखें।

(आपकी कुंडली के ग्रहों के आधार पर राशिफल और आपके जीवन में घटित हो रही घटनाओं में भिन्नता हो सकती है। पूर्ण जानकारी के लिए कृपया किसी पंड़ित या ज्योतिषी से संपर्क करें।)

read more
धर्म-ज्योतिष

राशिफल : 30 सितंबर : कैसा रहेगा आपके लिए शनिवार का दिन, जानने के लिए क्लिक करें

आज सूर्य कन्या राशि में विद्यमान रहेगा और चन्द्रमा धनु राशि को त्यागकर मकर राशि में प्रवेश करेगा। इन दोनों को आज उत्तराषाढ़ नक्षत्र का साथ मिलेगा। इनका साथ आपके जीवन पर क्या प्रभाव डालेगा। आइए आपको बताते हैं आज के राशिफल के बारे में….

मेष :-

कार्यक्षेत्र में काम का दबाव बढ़ेगा, प्रेम संबंधो के चलते करियर पर ध्यान नहीं दे पाएंगे।

वृष :-

वृष राशि के जातक समयानुसार ढलने की कोशिश करें, नए काम में व्यवधान आ सकता है।

मिथुन :-

सरकारी कार्यों में सफलता मिलेगी, अधिकारीगण सहयोग करेंगे। अपनी भावुकता पर नियंत्रण रखें, अन्यथा भावनात्मक शोषण के शिकार हो सकते हैं।

कर्क :-

बिना कोशिश के लंबित मसले हल होने से टेंशन खत्म होगी, कार्यक्षेत्र में श्रम की अधिकता के कारण थकान रहेगी।
सिंह :-

अत्याधिक व्यस्तता व परिश्रम से मन में नीरसता हो सकती है, नई आर्थिक प्रगति के लिए मन परेशान होगा।

कन्या :-

कार्यक्षेत्र में मेहनत का लाभ मिलने से उत्साहित रहेंगे, अपने कद व गरिमा के अनुकूल व्यावहारिक जीवन में चलने का प्रयत्न करें।

तुला :-

कार्यक्षेत्र में लाभ से आय में वृद्धि होगी, आर्थिक दबाव के विपरीत कार्यक्षेत्र ऐक्टिव रखने को महत्व देंगे।

वृश्चिक :-

व्यावसायिक लाभ अपेक्षाकृत कम होगा, निराश न हो परिस्थितियां जल्द ही पक्ष में होंगी। रोजगार में नए लाभकारी अवसर प्राप्त होंगे।

धनु :-

व्यावसायिक समस्याएं मानसिक परेशानी का कारण बनेंगी, पारिवारिक जीवन सुखी रहेगा।

मकर :-

आजीविका व रोजगार के नए अवसर मिलेंगे, नए कार्यों में पूंजी निवेश हेतु धनाभाव अवरोधक हो सकता है।

कुंभ :-

स्वयं को कमजोर महसूस करेंगे, कार्यशैली लाभकारी रहेगी, शासन-सत्ता का लाभ मिलेगा।

मीन :-

आर्थिक विकास होगा, हर क्षेत्र में अड़चन व संघर्ष से मन परेशान होगा। आकस्मिक किसी सुखद समाचार से मन प्रसन्न होगा।

(आपकी कुंडली के ग्रहों के आधार पर राशिफल और आपके जीवन में घटित हो रही घटनाओं में भिन्नता हो सकती है। पूर्ण जानकारी के लिए कृपया किसी पंड़ित या ज्योतिषी से संपर्क करें।)

read more
धर्म-ज्योतिष

दुर्गाष्टमी के दिन अलग-अलग उम्र की कन्याओं को पूजने से ​सिद्ध होते हैं ऐसे कार्य.

छोटी कन्याएं देवी भगवती का स्वरूप मानी जाती हैं। दुर्गाष्टमी और नवमी के दिन भक्तगण 2 साल से लेकर 10 साल तक की कन्याओं को पूजते हैं। अपने शक्तिनुसार भोग लगाकर उन्हें दक्षिणा भी देते हैं। ऐसे करने से मां दुर्गा अपने भक्तों को मनवांछित वर प्रदान करती हैं।

शास्त्रों के अनुसार कन्या पूजन के लिए दुर्गाष्टमी के दिन को सबसे ज्यादा महत्व दिया गया है। हालांकि शारदीय नवरात्र में श्रद्धालुजन सप्तमी के दिन से ही कन्या पूजा आरंभ कर देते हैं।

 दो वर्ष की कन्या को पूजन से देवी भगवती अपने भक्तों की दुख-दरिद्रता दूर कर देती हैं।
 तीन साल की कन्या को पूजने से परिवार धन-संपत्ति से परिपूर्ण हो जाता है।
 चार साल की कन्या को कल्याणी माना गया है ऐसे में इनका पूजन करने से पारिवार का कल्याण होना सुनिश्चित है।

 5 साल की कन्याएं रोहिणी के रूप में पूजी जाती हैं। ऐसे में इस आयु की कन्याओं को पूजने से भक्त रोगमुक्त हो जाता है।
 6 साल की कन्या पूजने से कालिका देवी विद्या, विजय और राजयोग प्रदान करती हैं।

 सात साल की कन्या को देवी चंडिका स्वरूप माना गया है। ऐसे में इनको पूजने से ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
8 वर्ष की कन्या को पूजने से वाद-विवाद में विजय श्री हासिल होती है।

 9 साल की कन्या को दुर्गा स्वरूप में पूजा जाता है अत: जातक अपने शुत्रओं पर विजय प्राप्त करता है।
10 साल की कन्याएं सुभद्रा कही जाती हैं। अत: मां सुभद्रा अपने भक्तों के सारे मनोरथ पूरा करती हैं।

read more
धर्म-ज्योतिष

हवन में आहुति देते समय क्यों कहते हैं स्वाहा ?

अग्निदेव की दाहिकाशक्ति है ‘स्वाहा’

अग्निदेव में जो जलाने की तेजरूपा (दाहिका) शक्ति है, वह देवी स्वाहा का सूक्ष्मरूप है। हवन में आहुति में दिए गए पदार्थों का परिपाक (भस्म) कर देवी स्वाहा ही उसे देवताओं को आहार के रूप में पहुंचाती हैं, इसलिए इन्हें ‘परिपाककरी’ भी कहते हैं।

सृष्टिकाल में परब्रह्म परमात्मा स्वयं ‘प्रकृति’ और ‘पुरुष’ इन दो रूपों में प्रकट होते हैं। ये प्रकृतिदेवी ही मूलप्रकृति या पराम्बा कही जाती हैं। ये आदिशक्ति अनेक लीलारूप धारण करती हैं। इन्हीं के एक अंश से देवी स्वाहा का प्रादुर्भाव हुआ जो यज्ञभाग ग्रहणकर देवताओं का पोषण करती हैं।

स्वाहा के बिना देवताओं को नहीं मिलता है भोजन

सृष्टि के आरम्भ की बात है, उस समय ब्राह्मणलोग यज्ञ में देवताओं के लिए जो हवनीय सामग्री अर्पित करते थे, वह देवताओं तक नहीं पहुंच पाती थी। देवताओं को भोजन नहीं मिल पा रहा था इसलिए उन्होंने ब्रह्मलोक में जाकर अपने आहार के लिए ब्रह्माजी से प्रार्थना की। देवताओं की बात सुनकर ब्रह्माजी ने भगवान श्रीकृष्ण का ध्यान किया। भगवान के आदेश पर ब्रह्माजी देवी मूलप्रकृति की उपासना करने लगे। इससे प्रसन्न होकर देवी मूलप्रकृति की कला से देवी ‘स्वाहा’ प्रकट हो गयीं और ब्रह्माजी से वर मांगने को कहा।

ब्रह्माजी ने कहा-‘आप अग्निदेव की दाहिकाशक्ति होने की कृपा करें। आपके बिना अग्नि आहुतियों को भस्म करने में असमर्थ हैं। आप अग्निदेव की गृहस्वामिनी बनकर लोक पर उपकार करें।’

देवी स्वाहा ने नहीं माना ब्रह्माजी का प्रस्ताव

ब्रह्माजी की बात सुनकर भगवान श्रीकृष्ण में अनुरक्त देवी स्वाहा उदास हो गयीं और बोलीं-‘परब्रह्म श्रीकृष्ण के अलावा संसार में जो कुछ भी है, सब भ्रम है। तुम जगत की रक्षा करते हो, शंकर ने मृत्यु पर विजय प्राप्त की है। शेषनाग सम्पूर्ण विश्व को धारण करते हैं। गणेश सभी देवताओं में अग्रपूज्य हैं। यह सब उन भगवान श्रीकृष्ण की उपासना का ही फल है।’

यह कहकर वे भगवान श्रीकृष्ण को प्राप्त करने के लिए तपस्या करने चली गयीं और वर्षों तक एक पैर पर खड़ी होकर उन्होंने तप किया। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान श्रीकृष्ण प्रकट हो गए।

देवी स्वाहा ही वाराहकल्प में बनी श्रीकृष्णपत्नी ‘नाग्नजिती’

देवी स्वाहा के तप के अभिप्राय को जानकर भगवान श्रीकृष्ण ने कहा-‘तुम वाराहकल्प में मेरी प्रिया बनोगी और तुम्हारा नाम ‘नाग्नजिती’ होगा। राजा नग्नजित् तुम्हारे पिता होंगे। इस समय तुम दाहिकाशक्ति से सम्पन्न होकर अग्निदेव की पत्नी बनो और देवताओं को संतृप्त करो। मेरे वरदान से तुम मन्त्रों का अंग बनकर पूजा प्राप्त करोगी। जो मानव मन्त्र के अंत में तुम्हारे नाम का उच्चारण करके देवताओं के लिए हवन-पदार्थ अर्पण करेंगे, वह देवताओं को सहज ही उपलब्ध हो जाएगा।’

देवी स्वाहा बनी अग्निदेव की पत्नी

भगवान श्रीकृष्ण की आज्ञा से अग्निदेव का देवी स्वाहा के साथ विवाह-संस्कार हुआ। शक्ति और शक्तिमान के रूप में दोनों प्रतिष्ठित होकर जगत के कल्याण में लग गए। तब से ऋषि, मुनि और ब्राह्मण मन्त्रों के साथ ‘स्वाहा’ का उच्चारण करके अग्नि में आहुति देने लगे और वह हव्य पदार्थ देवताओं को आहार रूप में प्राप्त होने लगा।

जो मनुष्य स्वाहायुक्त मन्त्र का उच्चारण करता है, उसे मन्त्र पढ़ने मात्र से ही सिद्धि प्राप्त हो जाती है। स्वाहाहीन मन्त्र से किया हुआ हवन कोई फल नहीं देता है।

देवी स्वाहा के सिद्धिदायक सोलह नाम

देवी स्वाहा के सोलह नाम हैं-

1. स्वाहा,
2. वह्निप्रिया,
3. वह्निजाया,
4. संतोषकारिणी,
5. शक्ति,
6. क्रिया,
7. कालदात्री,
8. परिपाककरी,
9. ध्रुवा,
10. गति,
11. नरदाहिका,
12. दहनक्षमा,
13. संसारसाररूपा,
14. घोरसंसारतारिणी,
15. देवजीवनरूपा,
16. देवपोषणकारिणी।

इन नामों के पाठ करने वाले मनुष्य का कोई भी शुभ कार्य अधूरा नहीं रहता। वह समस्त सिद्धियों व मनोकामनाओं को प्राप्त कर लेता है।

read more
धर्म-ज्योतिष

राशिफल : 24 सितंबर : कैसा रहेगा आपके लिए रविवार का दिन, जानने के लिए क्लिक करें

आज सूर्य कन्या राशि में विद्यमान रहेगा और चन्द्रमा तुला राशि में रहेगा। इन दोनों को आज विशाखा नक्षत्र का साथ मिलेगा। इनका साथ आपके जीवन पर क्या प्रभाव डालेगा। आइए आपको बताते हैं आज के राशिफल के बारे में….

मेष :-

मेष राशि के जातकों के लिए आज का दिन नौकरी-व्यवसाय के मामले में बहुत शुभ रहेगा, आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में कामयाब हो सकते हैं

वृष :-

आज आपका रूझान धर्मिक कार्यों की तरफ रहेगा, यदि आप किसी तीर्थ यात्रा पर जाने का विचार कर रहे है तो यह समय आपके लिए शुभ है।

मिथुन :-

व्यवसायी जातकों के लिए आज थोड़ी मुश्किल हो सकती है, धैर्य से काम करें, आपको अपनी मेहनत का फल अवश्य मिलेगा।

कर्क :-

आज कार्यस्थल पर आपको थोड़ा सचेत रहने की आवश्यकता है। किसी धार्मिक स्थल पर जाकर जरूरतमंद को दान करने से आत्मिक शांति मिलेगी।
सिंह :-

सिंह राशि के जातकों को आज अतिरिक्त खर्च करना पड़ सकता है, सोच समझकर खर्च करें।

कन्या :-

व्यवसायी जातकों के लिए नई परियोजना को अमल में लाने का यह अच्छा समय हो सकता है, लेकिन किसी भी तरह का सौदा पक्का करने से पहले दस्तावेज़ों की जांच अच्छे से कर लें।

तुला :-

घर से लेकर दफ्तर तक हर जगह आज एक सकारात्मक ऊर्जा अपने आस-पास महसूस कर सकते हैं।

वृश्चिक :-

आज आप अपने खान-पान पर ध्यान देने के साथ-साथ अपने आस-पास स्वच्छता का भी ध्यान रखें।

धनु :-

आपके विचारों में काल्पनिकता का समावेश हो सकता है, बेहतर होगा इसका इस्तेमाल आप रचनात्मक कार्यों में करें।

मकर :-

यदि आप अपने लिए कुछ खास करना चाहते हैं तो यह समय एकदम उचित है।

कुंभ :-

कुंभ राशि के जातकों को आज कोई विशेष शुभ समाचार मिल सकता है, जिससे मन प्रसन्न रहेगा।

मीन :-

करियर के लिहाज से आज का दिन आपके लिए कुछ सकारात्मक परिवर्तन लेकर आ सकता है।

(आपकी कुंडली के ग्रहों के आधार पर राशिफल और आपके जीवन में घटित हो रही घटनाओं में भिन्नता हो सकती है। पूर्ण जानकारी के लिए कृपया किसी पंड़ित या ज्योतिषी से संपर्क करें।)

read more
धर्म-ज्योतिष

राशिफल : 17 सितंबरः कैसा रहेगा आपके लिए रविवार का दिन, जानने के लिए क्लिक करें

आज सूर्य सिंह राशि को त्यागकर कन्या राशि में प्रवेश करेगा और चंद्रमा कर्क राशि में रहेगा, इन दोनों को अश्लेषा नक्षत्र का साथ मिलेगा। इनका साथ आपके जीवन पर क्या प्रभाव डालेगा। आइए आपको बताते हैं आज के राशिफल के बारे में….

मेष :-

मेष राशि के जातकों को नौकरी-व्यवसाय के मामले में उलझन एवं तनाव का सामना करना पड़ सकता है।

वृष :-

वृष राशि के जातकों को आर्थिक परेशान का सामना करना पड़ सकता है।

मिथुन :-

मिथुन राशि के जातकों को कार्यक्षेत्र में सावधानी बरतनी पड़ेगी, लापरवाही से नुकसान उठाना पड़ सकता है।

कर्क :-

कर्क राशि के जातक अपनी वाणी और व्यवहार में संयम रखें, किसी से झगड़ा होने की संभावना है।
सिंह :-

सिंह राशि के जातकों के आकस्मिक खर्चे बढ़ेंगे।

कन्या :-

कन्या राशि के जातकों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं।

तुला :-

तुला राशि के जातकों को आर्थिक मामलों में लाभ प्राप्त हो सकता है।

वृश्चिक :-

वृश्चिक राशि के जातकों को नौकरी-व्यवसाय में उलझनों का सामना करना पड़ सकता है।

धनु :-

धनु राशि के जातक अभी जमीन-जायदाद एवं वाहन खरीद बिक्री के मामले में जल्दबाजी में कोई फैसला न लें।

मकर :-

मकर राशि के जातक इस समय धन का निवेश बहुत ही सोच-समझकर करें, हानि होने की संभावना है।
कुंभ :-

कुंभ राशि के जातकों का खर्च बढ़ेगा, बचत में कमी आएगी।

मीन :-

मीन राशि के जातक अशांत और उलझन में रह सकते हैं।

(आपकी कुंडली के ग्रहों के आधार पर राशिफल और आपके जीवन में घटित हो रही घटनाओं में भिन्नता हो सकती है। पूर्ण जानकारी के लिए कृपया किसी पंड़ित या ज्योतिषी से संपर्क करें।)

read more
धर्म-ज्योतिष

राशिफल : 10 सितंबर: कैसा रहेगा आपके लिए रविवार का दिन, जानने के लिए क्लिक करें

आज सूर्य सिंह राशि में रहेगा और चंद्रमा मीन राशि को त्यागकर मेष राशि में प्रवेश करेगा, इन दोनों को रेवती नक्षत्र का साथ मिलेगा। इनका साथ आपके जीवन पर क्या प्रभाव डालेगा। आइए आपको बताते हैं आज के राशिफल के बारे में….

मेष :-

मेष राशि के जातकों को आज व्यवसाय में अपेक्षित सफलता मिलेगी, आय में वृद्धि के योग भी बन रहे हैं।

वृष :-

वृष राशि के जातक आज नई योजनाओं से व्यापार प्रगति की दिशा में अग्रसर होंगे।

मिथुन :-

मिथुन राशि के जातकों की आज अध्ययन में रुची रहेगी, किसी धार्मिक यात्रा पर भी जा सकते हैं।

कर्क :-

कर्क राशि के जातकों का आज का दिन मनोरंजन में व्यतीत होगा।

सिंह :-

सिंह राशि के जातकों के लिए आज व्यापार-व्यवसाय में विशेष लाभ के योग बन रहे हैं, धन प्राप्ति से आर्थिक कष्ट दूर होंगे।

कन्या :-

आज कन्या राशि के जातकों का रूझान कला के क्षेत्र में रहेगा, मित्रों और परिवार वालों का आज आपको पूरा सहयोग मिलेगा।

तुला :-

तुला राशि के जातक आज अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ समय व्यतीत करेंगे। कहीं बाहर घूमने जाने का प्लान भी बन सकता है।

वृश्चिक :-

वृश्चिक राशि के जातक आज अपने परिवार वालों के साथ समय व्यतीत करेंगे, किसी पार्टी में शामिल भी हो सकते हैं।

धनु :-

धनु राशि के जातक आज धर्म और आध्यात्म के प्रति आकर्षित होंगे, किसी धार्मिक कार्यक्रम में जा सकते हैं।

मकर :-

मकर राशि के जातक आज अपने कार्य पर ध्यान दें, मन में नकारात्मक विचार आएंगे, निर्णय शक्ति का अभाव आपको परेशान करेगा।
कुंभ :-

कुंभ राशि के जातकों का धन किसी धार्मिक कार्य में खर्च होगा, ईश्वरीय आराधना मानसिक शांति देगी।

मीन :-

मीन राशि के जातक आज व्यर्थ में धन खर्च होने से परेशान रहेंगे, वहीं दोस्तों के साथ मौज-मस्ती में दिन व्यतीत होगा।

(आपकी कुंडली के ग्रहों के आधार पर राशिफल और आपके जीवन में घटित हो रही घटनाओं में भिन्नता हो सकती है। पूर्ण जानकारी के लिए कृपया किसी पंड़ित या ज्योतिषी से संपर्क करें।)

read more
1 2 3 5
Page 1 of 5
Close
Login
Close
Login
Close
Login