शनिवार को कोच्चि में मेट्रो ट्रेन के उद्घाटन कार्यक्रम में मंच पर श्रीधरन को नहीं बुलाया गया है। इसके बाद से विपक्ष ने बीजेपी की तीखी आलोचना शुरू कर दी। लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि पीएम मोदी ऐसा जानबूझकर किया। उन्होंने एक सोची समझी रणनीति के तहत ऐसा किया। राजनीति सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पीएम मोदी उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी देने जा रहे हैं।
आपको जानकारी के लिए बतादें कि श्रीधरन को मेट्रो मैन के नाम से जाना जाता है। शनिवार को कोच्चि मेट्रो का उद्घाटन है। लेकिन इस उद्घाटन कार्यक्रम में मंच पर उपस्थित रहने वाले विशेष अतिथियों में श्रीधरन का नाम शामिल नहीं किया गया है
इस मुद्दे को विपक्ष ने तूल दे दिया है। बाकायदा केरल सरकार ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर कोच्चि में होने वाले मेट्रो ट्रेन उद्घाटन कार्यक्रम के अतिथियों की सूची को बदलने के लिए अनुरोध किया गया है और उसमें श्रीधरन जैसे कई अन्य नामों को शामिल किए जाने की सिफारिश भी की गई है।
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि एनडीए सरकार श्रीधरन को राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीद्वार घोषित कर सकती है। ऐसे में कुछ दिन पहले पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू के साथ मंच साझा करना अच्छा नहीं होता। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पीएम मोदी खुद चाहते हैं कि ऐसे शख्स से वे सार्वजनिक स्तर पर दूरी बनाए रखें ताकि एनडीए सरकार उन्हें अपना उम्मीद्वार बना सके।
श्रीधरन की ओर से भी बयान जारी नहीं किए गए हैं, इसका मतलब है कि श्रीधरन इस बारे में पहले से जानते हैं। अब देखना यह होगा कि बीजेपी की ओर श्रीधरन का नाम आगे करने के बाद विपक्ष कौन सी रणनीति अपनाती है। विपक्षी दलों के लिए श्रीधरन का विरोध करना आसान नहीं होगा।
कोच्चि में होने वाले मेट्रो ट्रेन के उद्घाटन में पीएमओ ने केवल छह लोगों को मंजूरी दी थी जिसमें केरल के गवर्नर पी सतशिवम, वेंकैया नायडू, मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन, यातायात मंत्री थॉमस चांडी, स्थानीय विधायक केवी थॉमस और स्थानीय मेयर सौमिनी जैन का नाम शामिल है।