आजकल की भागदौड़ और तनाव भरी जिंदगी में हर तीसरा आदमी अवसाद का शिकार हो जाता जा रहा है। अवसाद कई बार थोड़े समय के लिए ही रहता है, कभी यही अवसाद भयानक रूप ले लेता है।
जब कोई व्यक्ति अवसाद संबंधी विकार से पीड़ित होता है, तो यह विकार उस व्यक्ति के रोजमर्रा के जीवन और उसके सामान्य कामकाज में बाधा डालता है तथा उस व्यक्ति और उसके परिवारजनों के दुखों का कारण बन जाता है।
अधिकतर मामलों में अवसाद से गंभीर रूप से पीड़ित मरीज भी इलाज से बेहतर हो सकते हैं। इस रोग के लिए हुए गहन शोधों से इस रोग से ग्रसित लोगों के इलाज के लिए अनेक औषधियां, साइकोथेरेपी और इलाज के अन्य तरीके ईजाद हुए हैं ।
अवसाद के कारण – आनुवांशिकता पर हुए शोध इस बात का इशारा करते हैं कि आनुवंशिकता अन्य घटकों के साथ जुडकर अवसाद के खतरे को और अधिक बढ़ा देते हैं। अभी तक ये स्पष्ट रूप से नहीं बताया जा सका है कि अवसाद किस वजह से होता है।
मगर माना जाता है कि इसमें कई चीज़ों की अहम भूमिका होती है। जिंदगी में कई ऐसे पड़ाव आते हैं जैसे मानसिक आघात, कटु अनुभव, सदमा, एक तनावयुक्त संबंध, या कोई भी तनावदायक स्थिति अवसाद का कारण बन सकते हैं।
ऐसी स्थिति में भविष्य में अवसाद के दौरे बिना किसी कारणों से भी हो सकते हैं। इनके साथ ही अगर आपके मन में हर समय कुछ बुरा होने की आशंका रहती है, तो इससे भी अवसाद में जाने का ख़तरा रहता है।
कुछ मेडिकल कारणों से भी लोगों को अवसाद होता है, जिनमें एक है थायरॉयड की कम सक्रियता होना। कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट्स में भी अवसाद हो सकता है। इनमें ब्लड प्रेशर कम करने के लिए इस्तेमाल होने वाली कुछ दवाएं शामिल हैं।
लक्षण- मूड- सामान्य उदासी अवसाद की श्रेणी में नहीं आती, लेकिन किसी भी काम में मन न लगना, अरुचि, किसी बात से खुशी न होना, यहां तक दुख का भी अहसास न होना अवसाद के लक्षण होते हैं। विचार अर्थात हर समय नकारात्मक सोच होना।
बचने के उपाय – डॉक्टर्स की सलाह और चिकित्सा के अलावा नियमित रूप से योग, व्यायाम या मेडिटेशन करते रहने से आप तनाव से बचे रहेंगे। स्ट्रेस से बचना है, तो आपको पर्याप्त नींद लेनी होगी।
अपर्याप्त नींद तनाव के साथ साथ ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर बढाती है एवं कई रोगों को भी जन्म देती है। पानी पीने से तनाव बहुत कम होता है, अतः जब भी आप तनाव में हों, पानी पीएं। भरपूर पानी पीते रहने से तनाव आपसे दूर हीं रहता है। a