जयपुर। कांग्रेस के नेता और केन्द्रीय मंत्री रहे रामनिवास मिर्धा के व्यवसायी पुत्र राजेंद्र मिर्धा के अपहरण मामले में आरोपी हरनेक सिंह को गुरूवार को दोषी करार दिया गया और आज यानि शुक्रवार को सजा का एेलान कर दिया गया है। हरनेक सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। एडीजे-3 अदालत के जज़ प्रमोद मालिक ने ये हरनेक सिंह को ये सज़ा सुनाई है
इससे पहले गुरूवार को जयपुर महानगर की एडीजे कोर्ट-तीन ने हरनेक सिंह को दोषी करार दिया था। कोर्ट ने हरनेक सिंह को अपहरण, मुठभेड़ और अवैध हथियार रखने के मामले में दोषी माना है।
बता दें कि 22 साल 6 महीना पुराने मामले में हरनेक सिंह की गिरफ्तारी के बाद मामला पहले फास्ट ट्रैक कोर्ट में चला, फिर एडीजे कोर्ट संख्या-12 में चला। सबसे आखिरी में महानगर एडीजे कोर्ट संख्या-3 में यह मामला पहुंचा। मामले में हाईकोर्ट के निर्देश के बाद हर रोज सुनवाई हुई। 23 सितंबर को कोर्ट ने सुनवाई पूरी करते हुए फैसले की तारीख पांच अक्टूबर तय की थी। आपको बता दें कि 17 फरवरी 1995 को खालिस्तान लिब्रेशन फ्रंट के चीफ देवेन्द्र सिंह भुल्लर को पंजाब की जेल से छुड़ाने के लिए तत्कालीन कांग्रेस नेता रामनिवास मिर्धा के बेटे राजेन्द्र मिर्धा का जयपुर से अपहरण कर लिया था। कुछ वर्ष पहले उनका निधन हो गया। पुलिस ने जयपुर के मालवीय नगर में एक मकान पर छापा मारा था। मकान में हुई मुठभेड़ में आतंकी नवनीत सिंह कांदिया मारा गया था। जबकि कांदिया के साथी दयासिंह लाहोरिया और उसकी पत्नी सुमन सूद तथा हरनेक सिंह फरार हो गए थे।
हरनेक के खिलाफ तीन मामले दर्ज हैं। अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में दलील दी कि हरनेक सिंह का आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ाव और इसने देश को तोड़ने की साजिश रची थी। इसके पास से बारूद भी बरामद हुआ था।