क्या आप हर दिन नई खबरों की तलाश में रहते हैं? यहाँ भारतीय मीडिया टैग में वो सब मिलेगा—राजनीति के बड़े फैसले, खेल के रोमांचक मोड़, फिल्मी गपशप और बहुत कुछ। हम आसान भाषा में बताते हैं, ताकि पढ़ते‑समय आपको ज़्यादा सोचने की ज़रूरत न पड़े।
हमारी साइट पर हर लेख को जल्दी-जल्दी अपडेट किया जाता है। जैसे ही भारत ने चीन को हॉकी में 7‑0 से हराया, हम तुरंत खबर लिखते हैं—क्या आप पढ़ेंगे? "हीरो एशिया कप 2025" की इस जीत से फाइनल में दक्षिण कोरिया का सामना होगा, और हम आपको हर गोल और खिलाड़ी की भूमिका बताएँगे। ऐसा ही, जब सरकार ने 2022 तक सीमा की खाली जगहें भरने का वादा किया, तो हम इस नीति के पीछे के कारण और असर को समझाते हैं।
टैग पेज पर कई तरह के लेख होते हैं। अगर आप इतिहास में रुचि रखते हैं तो "1947 की स्वतंत्रता से पहले की तुलना में भारत अब क्यों बेहतर है" देखें—यह बताता है कि आज का भारत कैसे बदल गया। करियर या कानूनी मुद्दों में ग़ैर‑मातृभाषी लोगों के आरक्षण के सवालों के जवाब भी यहाँ मिलते हैं। वहीं, सामाजिक चर्चाओं में "क्यों कई चीनी लोग भारत और भारतीयों से परेशान होते हैं" जैसे लेख आपको विभिन्न दृष्टिकोण दिखाते हैं।
मनोरंजन प्रेमियों के लिए बॉलीवुड और टीवी की बातें भी नहीं छूटतीं। चाहे वह किसी नेता की आलोचना हो या दैनिक जीवन की छोटी‑छोटी कहानियां, हर लेख में व्यक्तिगत अनुभव और व्याख्या होती है। इस तरह आप सिर्फ़ खबर ही नहीं, बल्कि उसके पीछे की फीलिंग भी समझ पाते हैं।
हम नहीं चाहते कि आप बोर हों। इसलिए प्रत्येक लेख में सीधे सवाल पूछते हैं—"क्या आपको लगता है कि नरेंद्र मोदी एक कमजोर प्रधानमंत्री हैं?"—और फिर आपके विचार को चुनौती देते हैं। इस तरह हमारी सामग्री पढ़ते‑समय आपको सोचने, सवाल पूछने और अपनी राय बनाने का मौका मिलता है।
भूले नहीं, हर पोस्ट को SEO फ्रेंडली बनाया गया है, इसलिए गूगल पर आसानी से मिल जाता है। अगर आप "भारतीय मीडिया" टाइप करके इस पेज पर आएँगे, तो तुरंत नवीनतम 10‑15 लेखों की लिस्ट दिखेगी। आप पसंदीदा लेख को पढ़ सकते हैं या बाद में पढ़ने के लिए सेव कर सकते हैं।
तो अब देर किस बात की? आज ही गो प्रेस भारत पर "भारतीय मीडिया" टैग खोलें और अपनी पसंदीदा खबरों से जुड़े रहें। हम हर दिन नई कहानी लेकर आते हैं, और आपकी प्रतिक्रिया से हमारा काम और बेहतर बनता है।
मेरे अनुसार, भारतीय मीडिया की सबसे बड़ी समस्या उसकी स्वतंत्रता का अभाव है। वाणिज्यिक और राजनीतिक दबाव के कारण मीडिया की स्वतंत्रता सीमित हो गई है। दूसरी समस्या है विषयों का चयन, जो अधिकांशत: टीआरपी द्वारा निर्धारित होता है, जिससे आवश्यक मुद्दों को नजरअंदाज किया जाता है। इसके साथ ही, मीडिया की सत्यनिष्ठा और विश्वसनीयता पर भी सवाल उठ रहे हैं। संशोधन और सत्य की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है।
जुलाई 19 2023