3:45 बजे शनिवार को हैदराबाद के स्टार अस्पताल में चेरुकूरि रमोजी राव का निधन हो गया। 87 साल की उम्र में उनकी मृत्यु के बाद भारतीय मीडिया और फिल्म उद्योग एक अमूल्य नुकसान का सामना कर रहा है। रमोजी राव ने न केवल रमोजी फिल्म सिटी जैसी दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म स्टूडियो कॉम्प्लेक्स की स्थापना की, बल्कि ईनाडू और ईटीवी नेटवर्क जैसे संस्थानों के माध्यम से तेलुगु भाषा के समाचार और मनोरंजन के इतिहास को बदल दिया। उनकी मृत्यु का कारण अभी आधिकारिक रूप से घोषित नहीं किया गया है, लेकिन उन्हें 5 जून को उच्च रक्तचाप और सांस लेने में तकलीफ के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
एक विचारधारा का निर्माण
रमोजी राव ने कभी सोचा नहीं था कि एक छोटे से गांव पेडापारुपुड़ी से निकले एक लड़का देश के सबसे बड़े मीडिया साम्राज्य का स्थापक बन जाएगा। 1936 में जन्मे उन्होंने 1974 में ईनाडू के साथ शुरुआत की — एक ऐसा पत्र जो तेलुगु भाषी लोगों के लिए अपनी आवाज बन गया। फिर आया ईटीवी, जिसने टीवी पर अखबार की तरह विश्वसनीयता और आकर्षक न्यूज रिपोर्टिंग का मिश्रण लाया। लेकिन उनका सबसे बड़ा सपना था — एक ऐसा स्थान जहां फिल्में बन सकें, जहां तेलुगु सिनेमा को देश के बाकी हिस्सों के साथ बराबरी का मौका मिले। और इसी सपने का रूप लिया रमोजी फिल्म सिटी।
1996 में शुरू हुई इस स्टूडियो की शुरुआत बस 1,666 एकड़ के फैलाव के साथ हुई, लेकिन आज यह 2,000 एकड़ से अधिक के विस्तार तक पहुंच गया है। यहां न सिर्फ तेलुगु फिल्में, बल्कि बाहुबली, आरआरआर, पुष्पा, केजीएफ 2 जैसी हिंदी और दक्षिण भारतीय ब्लॉकबस्टर्स भी बनीं। एक ऐसा स्थान जहां एक ही दिन में पांच अलग-अलग भाषाओं की फिल्में शूट हो रही हों — यह रमोजी राव की दृष्टि का परिणाम था।
एक व्यवसायी का विस्तार
रमोजी राव का साम्राज्य सिर्फ फिल्मों तक ही सीमित नहीं था। उन्होंने प्रिया पिकल्स के माध्यम से भारतीय खाने की विरासत को दुनिया भर में पहुंचाया। उनके डॉल्फिन ग्रुप ऑफ होटल्स और मार्गदर्शी ग्रुप ने होटलिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और चिट फंड जैसे क्षेत्रों में भी अपना निशान छोड़ा। ये सब एक व्यक्ति के लिए बेहद असाधारण था — एक ऐसा व्यक्ति जो शुरुआत में एक छोटे से प्रिंटिंग प्रेस से शुरू हुआ था।
2016 में उन्हें भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान — पद्म विभूषण — से सम्मानित किया गया। तब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा था, "आपने भारतीय समाचार को जनता के सामने लाया, न केवल शब्दों में, बल्कि दृश्यों में।" यह बयान आज भी उनके जीवन का सार है।
देश भर में शोक और श्रद्धांजलि
उनकी मृत्यु के बाद देश के शीर्ष नेता और सिनेमा के सितारे दोनों ने उन्हें याद किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर कहा, "एक दृष्टिकोण जिसने भारतीय मीडिया को नए आयाम दिए।" राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें "मीडिया और मनोरंजन के क्षेत्र का एक दिग्गज" बताया।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंथ रेड्डी ने आदेश जारी किए कि रमोजी राव के अंतिम संस्कार के लिए राज्य सम्मान दिए जाएं। रविवार को सुबह 9 बजे से 11 बजे तक, रमोजी फिल्म सिटी के अंदर ही उनकी अंतिम यात्रा की गई। वहीं, राजीनिकंथ, चिरंजीवी, जेआर एनटीआर, विष्णु मन्नू जैसे दक्षिण भारतीय सितारे अपने शोक को सोशल मीडिया पर व्यक्त कर रहे थे। "एक विचारधारा का अंत," चिरंजीवी ने लिखा।
एक विरासत जो बस नहीं सकती
रमोजी राव का निधन सिर्फ एक व्यक्ति के अंत की बात नहीं है। यह एक ऐसे युग के अंत की घोषणा है, जिसने भारतीय मीडिया को अखबारों और टीवी चैनलों के बजाय एक जीवित, आवाज वाली, दृश्य जगत बना दिया।
रमोजी फिल्म सिटी अब भी लाखों फिल्म बनाने वाले लोगों का घर है। ईनाडू अभी भी दर्जनों लाख लोगों के लिए अखबार बना हुआ है। प्रिया पिकल्स की बोतलें अभी भी घरों में दिखती हैं। ये सब उनके बिना भी जीवित हैं — लेकिन अब उनकी दृष्टि का नेतृत्व कौन करेगा?
रमोजी राव की विरासत का भविष्य
उनके परिवार और रमोजी ग्रुप के नेतृत्व ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है कि अगला कदम क्या होगा। लेकिन एक बात साफ है — रमोजी फिल्म सिटी के बाहर खड़े हर फिल्मकार, एक्टर, टेक्नीशियन और स्टाफ के लिए, रमोजी राव का नाम अभी भी एक विश्वास का प्रतीक है। जहां एक बार एक आम इंसान ने सोचा था कि दक्षिण भारत के लिए भी बॉलीवुड जैसी फिल्में बन सकती हैं। और उसने वह सोच को सच कर दिखाया।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
रमोजी फिल्म सिटी कितने एकड़ का है और इसमें कौन-सी फिल्में शूट हुईं?
रमोजी फिल्म सिटी 1,666 से लेकर 2,000 एकड़ तक के बीच फैली हुई है, जिसे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म स्टूडियो कॉम्प्लेक्स के रूप में दर्ज किया है। यहां बाहुबली दो भाग, आरआरआर, पुष्पा, केजीएफ 2, सीतारामम, हनुमान और यमला पगला दीवाना: फिर से जैसी हिंदी और दक्षिण भारतीय फिल्में शूट हुईं।
रमोजी राव के पास अन्य व्यवसाय कौन-कौन से थे?
रमोजी राव के पास ईनाडू अखबार, ईटीवी नेटवर्क, उषा किरण मूवीज, प्रिया पिकल्स, डॉल्फिन ग्रुप ऑफ होटल्स और मार्गदर्शी ग्रुप जैसे व्यवसाय थे। मार्गदर्शी ग्रुप में चिट फंड और कलंजली जैसे व्यवसाय शामिल थे, जो दक्षिण भारत में व्यापक रूप से जाने जाते थे।
उन्हें पद्म विभूषण कब और क्यों मिला?
2016 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रमोजी राव को पद्म विभूषण से सम्मानित किया, जो भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है। इसका कारण उनकी मीडिया और फिल्म उद्योग में अद्वितीय योगदान था — जिसमें तेलुगु भाषा को राष्ट्रीय मंच पर लाना और फिल्म उत्पादन को स्थानीय स्तर से वैश्विक स्तर तक ले जाना शामिल था।
रमोजी राव के निधन के बाद उनके व्यवसाय का भविष्य क्या होगा?
अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन रमोजी ग्रुप के अंतर्गत आने वाले सभी संगठन अपने वर्तमान नेतृत्व के साथ चलते रहेंगे। उनके परिवार ने उनकी विरासत को बरकरार रखने का वादा किया है, खासकर रमोजी फिल्म सिटी और ईनाडू जैसे संस्थानों के लिए।
रमोजी फिल्म सिटी के बाहर उनकी विरासत कहां दिखती है?
प्रिया पिकल्स की बोतलें देश के हर कोने में मिलती हैं — यह उनकी विरासत का एक छोटा सा, लेकिन गहरा हिस्सा है। ईनाडू के हर संस्करण में उनकी दृष्टि दिखती है — समाचार को जनता के समीप लाने की भावना। ये वह विरासत है जो बिना उनके भी जीवित रहेगी।