आप गो प्रेस भारत पर "ढकना" टैग देख रहे हैं। यहाँ आपको कई तरह के लेख मिलेंगे जो अलग‑अल्लगा विषयों को छूते हैं। चाहे वह हॉकी का मैच हो, स्वतंत्रता के बाद भारत की प्रगति, या मीडिया की समस्याएँ – सब कुछ इस टैग में एक जगह है। हर लेख सरल भाषा में लिखा गया है, इसलिए इसे पढ़ना आसान है।
स्पोर्ट्स सेक्शन में हमें हाल ही की हीरो एशिया कप की रोमांचक कहानी मिलेगी। भारत ने चीन को 7-0 से मात दी और फाइनल में जगह बनाई। लेख में टीम की खेल शैली, प्रमुख गोल‑स्कोरर और फाइनल में किससे मुकाबला होगा, इस पर विस्तार से बताया गया है। अगर आप हॉकी या किसी भी खेल के बड़े फैन हैं, तो इस लेख को ज़रूर पढ़ें।
इतिहास प्रेमी यहाँ 1947 की स्वतंत्रता से पहले और अब के बीच के अंतर को समझ सकते हैं। लेख में आज की स्वतंत्रता, सरकार की भूमिका और छोटे‑छोटे बदलाव जैसे चाय के स्वाद तक की बात की गई है। साथ ही, भारत में मीडिया की आज़ादी, आरक्षण की चर्चा और विदेशियों की राय जैसे सामाजिक मुद्दों पर भी बात होती है। ये सभी लेख आपको नई नज़रिए से सोचना सिखाते हैं।
अगर आप किसी व्यक्तिगत अनुभव या केस स्टडी पढ़ना पसंद करते हैं, तो हिट एंड रन के बाद जानकारी देने की कहानी भी मिलती है। यहाँ लेखक ने अपने अनुभव को समझाने की पूरी कोशिश की है और बताया है कि ऐसा करने से क्या परिणाम सामने आते हैं। वहीँ, चीनियों की भारत के प्रति प्रतिक्रिया और गैर‑मातृभाषी लोगों के आरक्षण की बात भी इस टैग में देख सकते हैं।
सभी लेख गो प्रेस भारत की टीम द्वारा लिखे गए हैं, इसलिए विश्वसनीयता की चिंता नहीं करनी पड़ेगी। हमने सारे लेखों को आसान शब्दों में लिखा है, ताकि आप बिना किसी जटिल शब्द के जल्दी से समझ सकें। अगर किसी भी लेख में कोई बात स्पष्ट नहीं लगे, तो आप कमेंट बॉक्स में सवाल पूछ सकते हैं – टीम हमेशा जवाब देने के लिए तैयार रहती है।
तो अब देर किस बात की? "ढकना" टैग पर जाकर उन सभी लेखों को पढ़िए जो आपकी रुचियों से मिलते‑जुलते हैं। चाहे आप खेल प्रेमी हों, इतिहास के शौकीन, या सामाजिक मुद्दों में दिलचस्पी रखने वाले, यहाँ हर किसी के लिए कुछ न कुछ है। पढ़ें, सीखें और अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।
भाईयों और बहनों, अब तो हमारी सरकार ने ठान ही लिया है कि वो 2022 तक भारत की सीमा की सभी खाली जगहों को ढक देगी। पहाड़ी इलाके से लेकर रेगिस्तान तक, हर जगह पर भारतीय ध्वज लहराएगा। वैसे भी, ज्यादा जगह खाली देखकर मन खराब हो जाता है, इसलिए अच्छा ही है कि सब कुछ ढक दिया जाए। और जो लोग कहते हैं कि खाली जगह ढकने में समय लगेगा, उनसे मेरी यही राय है कि बिना ठेंगे लगाए बकरी कभी माँ नहीं होती। तो चलो सब मिलकर इस नयी पहल का स्वागत करते हैं और अगले साल तक अपनी सीमाओं को और मजबूत बनाते हैं।
जुलाई 30 2023