हिन्दी पंचांग में श्रावण मास का विशेष महत्व माना जाता है, क्योंकि ये शिवजी की भक्ति का महीना है। इस बार 10 जुलाई से यह महिना शुरु होने वाला है। ऐसी मान्यता है कि जो लोग इस माह में शिवजी की पूजा करते हैं, उनके सभी दुख दूर हो जाते हैं। इस महीने में कांवड़िए भी अपनी तैयारी करना शुरू कर देते हैं। वहीं एक ओर ऐसे भी भक्त होते हैं जो सावन माह में बड़ी ही श्रद्धा के साथ भगवान शिव की पूजा और व्रत करते हैं।
ये भक्ति का महीना है, इस कारण इन दिनों के लिए शास्त्रों में कुछ ऐसे काम बताए गए हैं जो हमें नहीं करना चाहिए।
– सावन माह में मांसाहार यानी नॉनवेज खाने से बचना चाहिए। नॉनवेज खाना बनाने के लिए जीव हत्या की जाती है। जीव हत्या पाप है। मांसाहार को छोड़कर इस पाप से बचें।
– शिवजी के कृपा पाने के लिए खुद को शांत रखना बहुत जरूरी है। क्रोध से मन अशांत हो जाता है और ऐसे में पूजा नहीं की जा सकती है।
– सावन के महीने में एक व्रती को हरी सब्जियां और साग नहीं खाना चाहिए।
– पूजा के समय में शिवलिंग पर हल्दी न चढ़ाएं। शिवलिंग पर न चढ़ाएं हल्दी।
– यदि आप शिवजी की कृपा पाना चाहते हैं तो सुबह बिस्तर जल्दी छोड़ देना चाहिए। जल्दी जागें और स्नान आदि कार्यों के बाद शिवजी की पूजा करें।
– सावन माह में इस बात का ध्यान रखें कि बुजुर्ग व्यक्ति, गुरु, भाई-बहन, जीवन साथी, माता-पिता, मित्र और ज्ञानी लोगों का अपमान न करें।
– सावन माह में किसी भी प्रकार के बुरे विचार से बचना चाहिए।
– सावन में महीने में साग के बाद बैंगन भी ऐसी सब्जी है जिसे खाना वर्जित माना गया है। इसका धार्मिक कारण यह है कि बैंगन को शास्त्रों में अशुद्घ कहा गया है।
– शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिए और न ही कांसे के बर्तन में खाना-खाना चाहिए।