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राजस्थान का पहला हिमोफिलिया केयर सेंटर खुला बीकानेर में

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बीकानेर, (छोटीकाशी)। हीमोफीलिया रोग जो आज से पच्चीस साल पहले लाइलाज था और चिकित्सकों की समझ से भी बाहर था आज इस रोग से ग्रसित रोगी का इलाज संभव हुआ है तो सिर्फ इसलिए कि इस रोग से ग्रसित लोगों ने एक सोसायटी का गठन किया और उसके माध्यम से लोगों में जागरुकता लाने के साथ सरकार और स्वास्थ्य संगठनों को भी जानकारी उपलब्ध करवाने का कार्य किया। इसके चलते ही आज हीमोफिलिक रोगी को विकलांग मानते हुए बीपीएल की श्रेणी में शामिल किया गया है। यह कहना था हीमोफीलिया(इण्डिया) फैडरेशन के वाइस प्रेसिडेंट मुकेश गडोदिया का जिन्होंने गुरुवार को जस्सूसर गेट स्थित डॉ. श्याम अग्रवाल हॉस्पिटल में हीमोफीलिया फेडरेशन संस्थान के सहयोग से राजस्थान के पहले हीमोफीलिया उपचार केन्द्र का शुभारंभ किया। इस अवसर पर आयोजित पत्रकार सम्मेलन में उन्होंने कहा कि हीमोफीलिया रोग की भयावहता को समझने के बाद राज्य सरकार इसमें अपना महत्वपूर्ण सहयोग दे रही है लेकिन इसमें अभी भी और सहयोग की आवश्यकता है। इस रोग से ग्रसित लोगों की जांच की पूर्ण सुविधा राज्य में ही उपलब्ध होनी चाहिए जिससे रोगी को आर्थिक हानि का सामना ना करना पड़े। उन्होंने बताया कि वर्तमान में पूरे देश में करीब 1 लाख 25 हजार हीमोफिलिक हैं लेकिन आशंकाओं के डर से रोग को छुपाने के चलते केवल 19 हजार रोगी ही रजिस्टर्ड हो पायें हैं। गडोदिया ने सेंटर स्थापना में तन-मन-धन से सहयोग देकर रोगियों की सेवा का बीड़ा उठाने वाले हीमोफीलिया सोसायटी चैप्टर बीकानेर के सचिव देवीलाल पारीक एवं डॉ. श्याम अग्रवाल का आभार माना एवं उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया। सचिव देवीलाल पारीक ने बताया कि इस केन्द्र के खुलने से संभाग के करीब 125 रोगियों को त्वरित गति से लाभ मिलेगा और उन्हें आपात स्थिति में सहायता मिल सकेगी। अस्पताल के संचालक डॉ. श्याम अग्रवाल ने बताया कि हीमोफीलिया रोगी को अस्पताल में विशेष सुविधा दी जाएगी। इसके अलावा अस्पताल में सोसायटी की ओर से उपलब्ध करवाये गए फैक्टर 8 व 9 मरीज को बगैर किसी कागजाती प्रक्रिया के तुरंत लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि रोग की गंभीरता पर रोगी को प्राथमिक उपचार देने के बाद उसे राजकीय अस्पताल में भेजने का प्रबंध भी अस्पताल करेगा। प्रेसवार्ता को हीमोफीलिया चैप्टर बीकानेर सोसायटी के अध्यक्ष राजकुमार कोचर ने भी संबोधित किया और हीमोफीलिया रोग से बचाव को ही उपचार बताते हुए सावधानी रखने के साथ लक्षण पाये जाने पर तुरंत चिकित्सक से सलाह लेने की बात कही। पत्रकार सम्मेलन में बंगलोर सोसायटी के सचिव प्रेम अल्वा, अरविन्द ऊभा, सुनील बांठिया, सन्तोष स्वामी ने भी हीमोफीलिया संबंधी जानकारी दी।

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The author mediarajiv

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