कोच्चि।
केरल में 12 साल के एक लड़के के पिता बनने का मामला सामने आया है। घटना पिछले साल की है लेकिन जेनेटिक प्रोफाइल के जरिए अब ये कन्फर्म होगा है कि आरोपी लड़के ने 16 साल की लड़की से संबंध बनाए थे।
आरोपी लड़के पर पॉस्को एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। अंग्रेजी समाचार पत्र द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक लड़की ने पिछले साल नवंबर में एर्नाकुलम के एक अस्पताल में बच्ची को जन्म दिया। प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्शुअल ऑफेंस (पॉस्को)एक्ट के तहत इस मामले में माता-पिता की पहचान सार्वजनिक नहीं की गई। जेनेटिक प्रोफाइलिंग के जरिए इस बात के सबूत जुटा लिए गए हैं कि आरोपी लड़का ही बच्ची का पिता है। इस टेस्ट के परिणाम इसी हफ्ते आए हैं। तिरुअनंतपुरम मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में डिपार्टमेंट ऑफ एन्डोक्रोनोलॉजी के एचओडी डॉक्टर पीके जब्बार ने कहा कि लड़का एक खास मेडिकल कंडीशन की वजह से पिता बना। मेडिकल टर्मिनोलॉजी में इसे प्रिकॉसियस प्युबर्टी यानी वक्त के पहले सेक्शुअली एक्टिव होना माना जाता है। आम तौर पर लड़कियों में प्यूबर्टी 10 से 14 साल जबकि लड़कों में 12 से 16 साल के बीच होती है।
इस दौरान उनमें शारीरिक बदलाव आते हैं। कुछ मामलों में ये प्यूटर्बी वक्त से पहले हो जाती है और इसे ही मेडिकल साइंस में प्रिकॉसियस प्यूटर्बी कहा जाता है। जब्बार के मुताबिक मेडिकल साइंस में इसे बहुत हैरानी या अलग मामले के तौर पर नहीं देखा जाता क्योंकि प्रिकॉसियस प्यूटर्बी के कई केस सामने आते हैं। हालांकि वो ये भी मानते हैं कि उनके करियर में 12 साल के लड़के के पिता बनने का यह पहला मामला है।
डॉक्टर ने बताया कि जन्म लेने वाली बच्ची और उसके पिता के ब्लड सैंपल तब लिए गए थे जब बच्ची 18 दिन की थी। इसके बाद डीएनए टेस्ट किया गया। इससे साफ हो गया कि बच्ची का पिता आरोपी लड़का ही है। बच्ची का जन्म नवंबर 2016 में हुआ था।
जब लड़की से पूछताछ हुई तो उसने एक लड़के का नाम बताया। पीडि़ता और आरोपी करीबी रिश्तेदार हैं। कुछ खबरों में ये भी कहा गया है कि लड़की के परिवार ने बच्ची को अपनाने से इनकार कर दिया है। इसके बाद प्रशासन ने उसकी परवरिश का जिम्मा चाइल्ड लाइन अथॉरिटी को सौंप दिया।