एक औरत की जिंदगी में सबसे महत्वपूर्णं इंसान होता है उसका पति, जिसके लिए वो अपना घर छोड़कर उसके (पति) घर चली आती है. भारतीय महिलायें अपने उस पति की लम्बी आयु के लिए करवाचौथ का व्रत (उपवास) रखती है. उसकी जिंदगी में ये पर्व बहुत ही खास और महत्वपूर्ण होता है. ज्यादातर लड़कियां बचपन से इसे करने में दिलचस्पी रखती हैं.

इस साल करवाचौथ 8 अक्टूबर (रविवार) को मनाया जाएगा. इस दिन का इंतजार हर महिला करती है और इसी बहाने से उसे अच्छे से सजने-संवरने का मौका भी मिल जाता है. करवाचौथ से जुड़ी ऐसी बहुत सी बातें होंगी जो शायद एक शादी शुदा महिला भी नहीं जानती होगी.

औरत को शक्ति का रूप माना गया है औप उसे वरदान भी है कि वो किसी भी चीज के लिए तप करके उसे पा सकती है. उस तप का फल उसे जरूर मिलता है. पौराणिक कथा के अनुसार, सावित्री अपने पति के प्राण यमराज से वापस ले आती है.
अपने पति को वापस लाने के लिए सावित्री ने बहुत तप किये और कई महीनों तक भूखी-प्यासी रहकर सफल हुई. उसके बाद से हर महिला इसे करवाचौथ के रूप में मनाने लगी और अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत करने लगी.

किसी चीज को त्यागकर आगे बढ़ना ही तप कहलाता है. महिलाएं इस दिन निर्जाल रहकर दिन भर खुद का ध्यान अपने सजने संवरने पर लगाती है जिससे उसका तप भूख लगने से भंग ना हो. चौथ का चांद हमेशा देर से ही निकलता है क्योंकि इस तप में महिलाओं की परिक्षा होती है जिसे करने की शक्ति उसके अंदर अपने आप आ जाती है.