आप यहाँ उन लेखों को पाएँगे जो हिंदी नहीं बोलने वाले पढ़ने वालों के लिये लिखे गये हैं। भाषा की बाधा को हटाकर सीधे‑सादा अंदाज़ में जानकारी देना हमारा मकसद है। चाहे आप हॉकी, सीमा सुरक्षा या मीडिया की समस्याओं में रूचि रखते हों, यहाँ सब कुछ मिल जाएगा।
उदाहरण के लिये, हीरो एशिया कप 2025 का लेख में बताया गया है कि भारत ने चीन को 7-0 से हराया और फाइनल में दक्षिण कोरिया से मिलने वाला है। यह जानकारी खेल प्रेमियों के लिये बड़ी उपयोगी है।
एक और लोकप्रिय पोस्ट है ‘2022 तक भारत की सीमा की सभी खाली जगहों को ढक दिया जाएगा?’ जिसमें सरकार की नई योजना पर रोचक सवाल उठाए गये हैं। पढ़ते‑पढ़ते आप देश की सुरक्षा के बारे में नया नजरिया पा सकते हैं।
हमें पता है कि कई बार भाषा की वजह से जानकारी समझना मुश्किल हो जाता है। इसलिए हमने हर लेख को सरल शब्दों में लिखा है, ताकि हर किसी को बोर नहीं होना पड़े। अगर आप हिन्दी में पढ़ते‑समझते हैं और अंग्रेज़ी या दूसरे भाषा में लिखी चीज़ों को समझना चाहते हैं, तो यही जगह है।
हर लेख में ‘कीवर्ड’ भी दिया गया है जिससे आप जल्दी से अपना मनपसंद विषय खोज सकते हैं। उदाहरण के लिये ‘भारत बनाम चीन हॉकी’, ‘भारतीय मीडिया’, ‘हिट एंड रन’ जैसे शब्द आपको तुरंत संबंधित पोस्ट दिखा देंगे।
हमारा लक्ष्य है कि आप यहाँ से जानकारी लेकर अपने रोज़मर्रा की बातचीत में उपयोग करें। इस तरह न सिर्फ आपका ज्ञान बढ़ेगा, बल्कि आप दूसरों को भी अच्छी तरह समझा पाएँगे। तो अब एक क्लिक करें, अपनी पसंद के लेख पढ़ें और ज्ञान को अपने साथ बाँटें।
आरक्षण में रूपरेखाओं के बारे में विवाद है। जिसमें किसी गैर-मातृभाषी को आरक्षण पर रहने की अनुमति हो सकती है या नहीं, यह सवाल है। यह पहलू कोई सिद्धान्त निर्धारित नहीं है, लेकिन कुछ संस्थाएं विशेष वर्गों को आरक्षण प्रदान करती हैं। आरक्षण देने में मातृभाषा के कारण प्रतिबंध नहीं हो सकता, लेकिन इसके लिए अन्य स्थितियाँ हो सकती हैं। इसके साथ ही, गैर-मातृभाषी व्यक्ति के लिए आरक्षण पर रहने की अनुमति के लिए राज्य सरकार के विशेष आदेश की आवश्यकता हो सकती है। संक्षिप्त रूप से, गैर-मातृभाषी को आरक्षण पर रहने की अनुमति हो सकती है। यह सिद्धान्त राज्य सरकार के विशेष आदेश द्वारा निर्धारित किया जा सकता है। विशेष वर्गों को आरक्षण प्रदान करने में मातृभाषा का कारण प्रतिबंध नहीं होता है।
फ़रवरी 15 2023