नेतृत्व क्षमता वह आँकड़ा है जो बताता है कि आप लोगों को दिशा, प्रेरणा और समर्थन देकर लक्ष्य तक पहुंचा सकते हैं। यह सिर्फ पद या टाइटल नहीं, बल्कि आपके फ़ैसले, व्यवहार और संवाद का तरीका है। जब आप टीम को एक साथ काम करने के लिये तैयार करते हैं, तो वही आपका असली नेतृत्व दिखाता है।
भारत में कई जगह पर यह देख सकते हैं – हॉकी टीम ने चीन को 7-0 से हराया, तो वहाँ कोच और कप्तान की नेतृत्व क्षमता प्रमुख थी। इसी तरह राजनीति, मीडिया या छोटे‑छोटे व्यवसायों में भी नेतृत्व दिखता है। तो चलिए जानते हैं इसे कैसे पहचानें और सुधारा जाए।
1. स्पष्ट विज़न – आप चाहते हैं क्या? जब आपका लक्ष्य साफ़ हो, तो टीम भी उसे समझेगी। 2. संचार कौशल – बात सीधे, ईमानदार और समझने योग्य होनी चाहिए। 3. फ़ैसला‑लेना – सही समय पर सही निर्णय लेना। 4. सहानुभूति – टीम के लोग क्या महसूस कर रहे हैं, इसका अंदाज़ा रखें। 5. अनुशासन और उत्तरदायित्व – आप खुद मॉडल बनें, फिर लोग आपका अनुसरण करेंगे।
इनमें से कोई एक घटक कमजोर हो तो टीम में उलझन पैदा हो सकती है। उदाहरण के तौर पर, यदि आप विज़न नहीं बताते, तो लोग नज़रें नीचे करके काम करेंगे, जैसे किसी खेल में कोच ने रणनीति नहीं बताई।
• छोटी‑छोटी ज़िम्मेदारियां ले – घर में परिवार को योजना बनाकर बताओ, या ऑफिस में एक प्रोजेक्ट संभालो। • फ़ीडबैक मांगो – अपने काम पर लोगों की राय सुनो, सुधार के लिए तैयार रहो। • सफलता और गलती दोनों को साझा करो – जब टीम जीतती है तो सबको धन्यवाद दो, और जब गलती होती है तो मिलकर समाधान निकालो। • लोगों का मनोबल बढ़ाओ – “तुम कर सकते हो” जैसे छोटे‑छोटे शब्द टीम में ऊर्जा भरते हैं। • नियमित सीखें – किताबें पढ़ो, सेमिनार में जाओ, या किसी अनुभवी नेता की कहानी सुनो।
इन आदतों को रोज़मर्रा में जोड़ने से आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और दूसरों को भी आपके आस‑पास काम करने में आराम महसूस होगा।
भारत में अलग‑अलग क्षेत्रों में नेतृत्व की द्रोणियों दिख रही हैं। चाहे वह खेल में हीरो एशिया कप की जीत हो, या राजनीति में नई नीतियों का निर्माण, या मीडिया में सत्य खोजने का संघर्ष – सबके पीछे वही नेतृत्व क्षमता है। अगर आप भी अपने घर, कॉलेज या नौकरी में इस क्षमता को निखारेंगे, तो बड़ी उपलब्धियों की राह आसान होगी।
तो आज से एक छोटा कदम उठाओ – अपने लक्ष्य को लिखो, टीम से बात करो, और हर फैसला में जवाबदेह रहो। धीरे‑धीरे आप देखोगे कि लोग आपके पीछे चल रहे हैं, और यही असली नेतृत्व की निशानी है।
नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री बनना भारत की सरकार के लिए एक बड़ी उम्मीद थी। उनकी दृष्टिकोण और उनका सामर्थ्य समझ कर इस कदम को लेने के मामले में भारतीय जनता को बहुत आशा है। हालांकि, मोदी सरकार की प्रथम राजनीतिक कार्यवाही के बारे में काफी संदेह रहे हैं। उनकी नेतृत्व क्षमता और सुधारों के लिए काफी सनद है, लेकिन निश्चित उपयोग के लिए यह प्रश्न है कि उन्हें प्रभावी तरीके से काम करने में आगे बढ़ना होगा।
जनवरी 27 2023