
बीकानेर, (छोटीकाशी): केन्द्रीय वित्त एवं कंपनी मामलात राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि इक्कीसवीं सदी भारत की होगी, जिसमें युवाओं की जिम्मेदारी अहम रहने वाली है। युवा इस जिम्मेदारी को समझें और भारतीय संस्कृति के संवाहक बनें। मेघवाल मंगलवार को पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित विश्वविद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद का कहना था कि व्यक्ति कपड़ों से नहीं बल्कि चरित्र से उत्तम बनता है। विद्यार्थी भी ऐसे महापुरूषों के जीवन से प्रेरणा लेते हुए अपने कार्य करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आगामी पांच वर्षों में किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए सरकार ने फसल बीमा, सिंचाई, हैल्थ कार्ड, डेयरी जैसी फ्लैगशिप योजनाओं के लिए बड़े पैमाने पर वित्तीय प्रावधान किए हैं। मेघवाल ने कहा कि केन्द्र सरकार ने सीमांत व छोटे किसानों के कृषि ऋण के लिए 10 लाख करोड़ की राशि का प्रावधान किया है। किसानों द्वारा लिए गए सहकारी ऋण के लिए भी प्रधानमंत्री की ओर से घोषित 60 दिनों में याज भुगतान में छूट का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि बजट में सिंचाई योजनाओं के लिए 20 हजार करोड़, डेयरी विकास के लिए 8 हजार करोड़ तथा सूक्ष्म सिंचाई के लिए पांच हजार करोड़ रूपये आवंटित किए हैं। उन्होंने कहा कि कृषि और पशुपालन, ग्रामीण अर्थव्यवस्था की कुंजी हैं। युवाओं के लिए इस क्षेत्र में कम पूंजी लागत से नियमित आय के रोजगार के अच्छे अवसर मौजूद हैं। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के पशुपालन आयुक्त प्रो. सुरेश एस. होनप्पागोल ने कहा कि राजस्थान सरकार के नि:शुल्क दवा कार्यक्रम, पृथक गोपालन विभाग की स्थापना, स्वयं सेवी समूहों की मदद से राज्य में 2 हजार समन्वित पशुधन विकास केन्द्रों की स्थापना, ऊंट को राज्य पशु घोषित करना, बकरी व भेड़ विकास कार्यक्रम जैसे कई नवाचार इस दिशा में अभिनव प्रयास हंै। उन्होंने कहा कि राजूवास के सहयोग से सभी संभागीय मुख्यालयों के पॉलििलनिक पर टेलीमेडीसिन की व्यवस्था की गई है। सलेिटव ब्रीडिग प्रोग्राम के माध्यम से भारतीय बैल की प्रजातियों के संरक्षण व संवर्धन का कार्य किया जा रहा है। यह सभी प्रयास पशुपालकों को तकनीकी सुविधाएं उपलध करवाने तथा पशुचिकित्सा के आमजन के अधिकाधिक उपयोग के लिए तथा विद्यार्थियों के लिए कॅरियर की नई संभावनाओं की दिशा में अहम है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. ए. के. गहलोत ने कहा कि विश्वविद्यालय ने अपनी स्थापना के सात वर्षों में चहुंमुखी प्रगति की है, जिससे राजूवास को देश के शीर्ष विश्वविद्यालयों में स्थान मिला है। उन्होंने राजूवास को टीचिंग एवं लर्निंग रिसोर्सेज केटेगरी में देश में 25वां स्थान मिला, जो हमारे लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की वर्ष 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने की घोषणा की अनुपालना में विश्वविद्यालय द्वारा राज्य में समग्र पशुपालन विकास एवं अनुसंधान में तेजी लाने के लिए कई नए केन्द्र शुरू किए हैं। दीक्षांत समारोह में स्नातक योग्यता प्राप्त करने वाले 327 छात्र-छात्राओं को उपाधियां और एक को स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। स्नातकोत्तर स्तर के 82 विद्यार्थियों को उपाधियां, 26 को स्वर्ण पदक तथा विद्यावाचस्पति उपाधि के लिए सफल 7 विद्यार्थियों को उपाधि व 3 को स्वर्ण पदकों से अंलकृत किया गया। इस अवसर पर महापौर नारायण चौपड़ा, स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी आर छीपा, बीकानेर सिटी बीजेपी चेयरमैन डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य सहित विभिन्न विभागाध्यक्ष, डीन-डायरेक्टर, बोम के सदस्य, विश्वविद्यालय स्टाफ, विद्यार्थी एवं अभिभावक सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।