नई दिल्ली। हर कोई शादी में शान-शौकत के लिए जमकर पैसा खर्च करता हैं। यहां तक की ज़्यादा दिखावा करने के चक्कर में कर्ज़ा और कर लेते है ऐसी ही एक ख़ास बात है गाजियाबाद जिले के अटौर गांव की। यहां दिन में ही शादी की रस्म पूरी करते हैं जिसकी वजह से फालतू का कर्ज़ा ना हो सके। इस गांव की ये परंपरा 20 वर्षो से कायम है।
गांव वाले रात के समय होने वाली शादियों में सजावट आदि को फिजूलखर्ची मानते हैं। इसलिए सबने तय कर रखा है कि रात के समय लाइट और जेनरेटर आदि पर कोई पैसा खर्च नहीं करेंगे। यहां की शादियों में सुबह 10 बजे के करीब बारात आती है और शाम होते-होते दुल्हन विदा हो जाती है। इस परंपरा को अपनने से अब तक लाखों रूपए की बचत कर चुके हैं।

20 साल पहले तक अटौर में भी रात में शादियां होती थी। लेकिन बिजली नहीं होने की वजहा से जेनरेटर का खर्च काफी होता था। और धुंए,तेज आवाज से भी लोगों को बहुत ज़्यादा परेशानी होती थी। जब फैसला किया गया कि अब गांव में हर शादी दिन में ही होगी। दिन में शादियां होने के कारण रात में बरातियों के रूकने का इंतजाम नहीं करना पड़ता है। और तो और हुडदंग करने वाले शराब पीकर बरातियों से भी पीछा छूट जाता है।