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राजनीति

हाईकोर्ट ने पलटा योगी सरकार का फैसला, शिया वक्फ बोर्ड के हटाए गए सदस्य बहाल

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इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने शुक्रवार(23 जून) को योगी सरकार के फैसले को पलटते हुए तगड़ा झटका दिया है। हाई कोर्ट ने यूपी सरकार के उस आदेश को निरस्त कर सभी छह सदस्यों को बहाल कर दिया है। बता दें कि योगी सरकार ने एक आदेश जारी कर शिया वक्फ बोर्ड के 6 सदस्यों को हटा दिया था। जिसके बाद हटाए गए सभी सदस्य हाई कोर्ट पहुंचे थे।गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 16 जून को 6 सदस्यों को यह कहकर हटा दिया था कि ये वक्फ बोर्ड की संपत्ति को लेकर हुए भ्रष्टाचार में शामिल थे। हटाए गए सदस्यों में पूर्व राज्यसभा सांसद अख्तर हसन रिजवी, मुजफ्फरनगर की अफशा जैदी, मुरादाबाद के सैय्यद वली हैदर, बरेली के सय्यद अजीम हुसैन, विशेष सचिव नजमुल हसन रिजवी और आलिमा जैदी शामिल हैं।
जस्टिस रंजन रॉय और जस्टिस एसएन अग्निहोत्री की वकेशन बेंच ने कहा कि हटाए गए सदस्यों को पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया, जबकि वक्फ ऐक्ट 1995 के तहत अनिवार्य है। हालांकि, कोर्ट ने सरकार को यह छूट दी है कि वह कानून के मुताबिक नए सिरे से कार्रवाई कर सकती है।
बता दें कि इन सभी सदस्यों को समाजवादी पार्टी(सपा) की पिछली सरकार ने चयन किया था। 15 जून को योगी सरकार ने शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड को भंग करने का आदेश देते हुए सीबीआई जांच की सिफारिश की है। बता दें कि राज्य के शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड पर वक्फ सम्पत्तियों के बंदरबांट के गंभीर आरोप लगे हैं।

वक्फ काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा हाल में इन आरोपों की जांच में भी विभिन्न अनियमितताएं पाई गईं थीं। शिया वक्फ बोर्ड पर लगे आरोपों की जांच में बोर्ड के मौजूदा अध्यक्ष वसीम रिजवी की भूमिका संदिग्ध मानी गई थी। साथ ही इसके छींटे पूर्ववर्ती सरकार में वक्फ मंत्री रहे आजम खान पर भी पड़े थे।

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