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बीकानेर, (छोटीकाशी): बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल के नेतृत्व में बीकानेर जिला कलेक्टर को गुड्स एव सर्विस टैक्स के विरोध में बीकानेर रेडीमेंट होजरी एसोसिएशन व बीकानेर संभाग रेडीमेड होजरी एसोसिएशन बीकानेर वस्त्र व्यवसाई संघ व बीकानेर दाल मिल एसोसिएशन ने अपने.अपने ज्ञापन दिये ज्ञापन से पहले कोटगेट से बीकानेर रेडीमेड होजरी एसोसिएशन बीकानेर वस्त्र व्यवसाई संघ के तत्वाधान में व्यापारियों ने गुड्स एव सर्विस टैक्स के विरोध में रैली निकाली रैली कोटगेट से शुरू होकर केईएम रोड खजांची मार्केट होते हुए जिला कलेक्टर के सामने पहुंची रैली में भारी संख्या में व्यापारी शामिल थे अनुशासित रूप से व्यापारियों ने अपनी मांग रखते हुए अपना दर्द सरकार तक ज्ञापन के जरिए पहुंचाया ज्ञापन बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल के उपाध्यक्ष नरपत सेठिया, घनश्याम लखाणी, सहसचिव सुरेंद्र पटवा के नेतृत्व मे व बीकानेर वस्त्र व्यवसायी संघ के सत्यनारायण, संजीव अरोड़ा बीकानेर रेडीमेड होजरी एसोसिएशन के मालचंद बेगानी, संजय सांड, महेंद्र बरिडिय़ा, बीकानेर संभाग रेडीमेड होजरी के विजय ऐलानी, बीकानेर दाल मिल एसोसिएशन से नरसिंह दास मिमानी, जय किशन अग्रवाल, खजांची मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष जुगल राठी, ऑल राजस्थान जिप्सम एसोसिएशन के गोपी किशन गहलोत शामिल थे। व्यापारियों के सहयोग के लिए बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल ने व्यापारियों का आभार प्रकट किया। उधर बीकानेर फायर वक्र्स एसोसिएशन की शुक्रवार को बैठक रखी गई। इसमें एसोसिएशन ने फोर्टीज द्वारा शुक्रवार के उद्योग एवं व्यापार बंद का समर्थन किया है। बैठक में अध्यक्ष लूणकरण सेठिया, सचिव वीरेन्द्र किराडू, उपाध्यक्ष बनवारी लाल अग्रवाल, लक्ष्मण पंजाबी, भंवरलाल व्यास, नरेन्द्र खत्री, संयुक्त सचिव नारायण पंजाबी, मुकेश भारती एवं पटाखा व्यवसाय से जुड़े कारोबारी उपस्थित थे। अध्यक्ष सेठिया ने बताया कि एसोसिएशन की ओर से जिला कलक्टर के मार्फत मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को ज्ञापन भेजा गया है। इसमें सेठिया ने बताया कि पटाखा कारोबारियों की मुख्य मांग जीएसटी की 28 प्रतिशत से 12 प्रतिशत की जाए। पटाखा व्यवसाय कुटीर एवं लघु उद्योग श्रेणी में आता है जो श्रम आधारित है। इसके चलते 28 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान करना असंभव है। एसोसिएशन के सचिव वीरेन्द्र किराडू ने बताया कि भारत में पटाखा उत्पादन की इकाईयों की संख्या 1200 है। इसमें 800 इकाईयां शिवाकाशी व 400 अन्य प्रांतों में है। जिसमें से 51 प्रतिशत बड़ी इकाईयां 12.5 प्रतिशत एक्साइज का भुगतान करती है एवं अन्य इकाईयों स्माल स्केल इंडस्ट्रीज के तहत पंजीकृत है। जिनका सालाना उत्पादन 1.5 करोड से कम है। इस कारण वे इकाईयां 14.5 प्रतिशत वेट अथवा 2 प्रतिशत सीएसटी का भुगतान कर रही है। चूंकि 12.5 प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी एवं 14.5 प्रतिशत वेट का योग कर 28 प्रतिशत जीएसटी निर्धारित की गई है, जिसके फलस्वरूप 25 प्रतिशत माल की लागत बढ़ जाएगी। अध्यक्ष लूणकरण सेठिया के अनुसार पिछले कई समय से पटाखा उद्योग आयातित चाइनीज पटाखों के कारण वैसे ही संकट में चल रहा है। ऐसे में 28 प्रतिशत जीएसटी करने से यह व्यवसाय निश्चित रूप से खत्म हो जाएगा। चूंकि देशभर में 10 लाख से अधिक लोग पटाखा फैक्ट्रियों में कार्यरत है और जीएसटी कम नहीं किया गया तो अनेक इकाईयां बंद हो जाएगी। इसलिए एसोसिएशन केन्द्र सरकार के इस फैसले का विरोध करती है। साथ ही 30 जून से समस्त फैक्ट्रियों में अनिश्चितकालीन उत्पादन बंद करने का निर्णय करती है। शुक्रवार को पूरे बीकानेर में पटाखा व्यवसाय भी बंद रखे गए।
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