दिल्ली। 100 मीटर, 200 मीटर, भाला फेंक और गोला फेंक में वर्ल्ड मास्टर्स में विश्व रिकार्ड अपने नाम रखने वाली पंजाब के पटियाला की 101 वर्षीय मान कौर इस साल 17 सितंबर को जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में होने वाली महिलाओं की पांचवीं पिंकाथन दौड़ में आकर्षण का सबसे बड़ा केंद्र रहेंगी।
पिंकाथन के पांचवें संस्करण की इसके संस्थापक मिलिंद सोमन ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की। 101 वर्षीय मान कौर और 79 वर्षीय उनके पुत्र गुरदेव सिंह प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद थे। मान ने 2010 में 93 साल की उम्र में दौडऩा शुरू किया था और पिछले आठ वर्षाें में वह अमेरिका, कनाडा और न्यूजीलैंड में 100 और 200 मीटर तथा भाला और गोला फेंक में 95 वर्ष से अधिक उम्र के मास्टर्स इवेंट में विश्व रिकार्ड बना चुकी हैं।
मान कौर ने पंजाबी में जब अपनी बात रखी तो पूरा हॉल तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठा। इस उम्र में भी उनकी आवाज में वही पुराना जोश था और उनकी तेजी युवाओं को भी मात करने वाली थी। उन्होंने कहा जब मैं दौड़ती हूं तो पूरा माहौल और लोग मेरे साथ हो जाते हैं जिससे मुझे एक नया उत्साह मिलता है। दौडऩे के समय मुझे कभी घुटनों में दर्द महसूस नहीं होता है।
पटियाला की मान कौर के नाम 100 मीटर में एक मिनट 14 सेकेंड का विश्व रिकार्ड है जो उन्होंने अमेरिका में बनाया था। वह पहली बार 2011 में अमेरिका में दौड़ी थीं और तब उन्होंने दो पदक जीते थे। इसके बाद उन्होंने कनाडा में चार पदक जीते, फिर अमेरिका जाकर पांच पदक ले आयीं।
अपने रिकार्डों के बारे में बताते हुये मान कौर के चेहरे से जैसे एक नूर झलक रहा था। अपने स्वास्थ्य का राज बताते हुये उन्होंने कहा मैं हमेशा घर की रोटी खाती हूं। बाजार की चीज मैंने आज तक नहीं खाई। उनके 79 वर्षीय बेटे गुरदेव ने भी बताया कि इस उम्र में भी माताजी ने न्यूजीलैंड में स्काईवॉक कर विश्व रिकार्ड बना दिया था। गुरदेव खुद भी 75 साल से अधिक की उम्र के मास्टर्स इवेंट में हिस्सा लेते रहे हैं। गुरदेव ने न्यूजीलैंड में लंबी कूद में रजत पदक और 100 मीटर में कांस्य पदक हासिल किया था। वल्र्ड मास्टर्स ओलंपिक की तरह हर चार साल बाद आयोजित होता है।
17 सितंबर को नेहरू स्टेडियम में होने वाली पिंकाथन में 10 हजार से अधिक महिला धावक हिस्सा लेंगी। इसमें तीन किलोमीटर, पांच किमी. 10 किमी और 21 किमी की स्पर्धाएं होंगी। सोमन ने कहा हमें पांचवें संस्करण की घोषणा करते हुये काफी खुशी महसूस हो रही है। यह इवेंट महिलाओं के लिये जैसे एक उत्सव बन गया है जिसमें हर उम्र की महिलाएं दौड़ती हैं।
पिंकाथन को इससे पहले हैदराबाद, कोलकाता, पुणे, चेन्नई, गुवाहाटी और मुंबई में इस साल आयोजित किया गया था और 2017 में कुल धावकों की संख्या एक लाख पार हो जाने की उम्मीद है। पिंकाथन में इस बार 50 नेत्रहीन लड़कियां भी हिस्सा लेंगी जिनकी शुभंकर पुष्पा बहादुर को बनाया गया है। इनके अलावा कैंसर की जंग जीतने वाली मीनू मदान को पांच किमी. दौड़ का और आरजे स्वाति को 10 किमी. दौड़ का शुभंकर बनाया गया है।