रिहायशी संपत्ति से किराया आय को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से छूट दी गयी है लेकिन वाणिज्यिक उद्देश्य से किराया या पट्टे से सालाना 20 लाख रुपये से अधिक आय पर जीएसटी लगेगा। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि अगर आवासीय संपत्ति दुकान या कार्यालय के लिये किराया पर दिया गया है, तो 20 लाख रुपये तक के किराये पर जीएसटी नहीं लगेगा।
अधिया ने जीएसटी मास्टर क्लास में कहा, ‘रिहायशी मकान से मिलने वाली किराया आय को छूट दी गयी है लेकिन अगर आपने अपनी इकाई वाणिज्यिक उपक्रम को दी है है तब अगर आप 20 लाख रुपये से अधिक प्राप्त कर रहे हैं तब आपको कर देना होगा।’ जो करदाता छूट सीमा से अधिक कमा रहे हैं, उन्हें जीएसटी नेटवर्क से पंजीकरण करना होगा और कर देना होगा। जीएसटीएन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रकाश कुमार ने कहा कि 69.32 लाख पंजीकृत् उत्पाद, सेवा कर और वैट भुगतानकर्ता जीएसटीएन पोर्टल पर चले गये हैं। पुरानी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में ऐसी 80 लाख इकाइयां थीं।