नई दिल्ली. तमिलनाडु में जारी राजनीतिक संकट को लेकर विपक्षी दलों ने आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर मामले में तत्काल हस्तक्षेप किए जाने की मांग की है. प्रमुख विपक्षी दल द्रमुक की अगुवाई में राजनीतिक दलों ने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंप कर विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराए जाने की मांग की है. विपक्षी दलों ने पलानीसामी की सरकार से 21 विधायकों की समर्थन वापसी का दावा किया है. राष्ट्रपति से मिलने के बाद प्रतिनिधिमंडल में शामिल सीपीएम (मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी) नेता सीताराम येचुरी ने कहा, ‘हमने तमिलनाडु विधानसभा का सत्र तत्काल बुलाए जाने की मांग की है. विधानसभा में ही यह तय होना चाहिए कि किसके पास बहुमत है.’ वहीं कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, ‘हमने राष्ट्रपति को यह लिखकर दिया है कि 21 विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया है.’ मामले की शुरुआत तब हुई जब पलानीसामी और पन्नीसेल्वम गुट के विलय से नाराज होकर पार्टी महासचिव वी के शशिकला के भतीजे दिनाकरन गुट के 19 विधायकों ने राज्यपाल सी विद्यासागर राव को पत्र लिखकर सरकार से समर्थन ले लिया. वी के शशिकला फिलहाल भ्रष्टाचार के मामले में जेल में बंद हैं. एआईएडीएमके के विधानसभा में 134 सदस्य है. इसमें विधानसभा अध्यक्ष शामिल नहीं है. लेकिन दिनाकरन विधायकों के समर्थन वापसी के बाद यह संख्या घटकर 115 हो गई है. खबरों के मुताबिक तीन से चार विधायकों के दिनाकरन गुट में शामिल होने की संभावना है.
तमिलनाडु संकट: विपक्षी दल राष्ट्रपति से मिले , 21 के समर्थन वापसी का दावा
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