रामायण काल से राम से ज्यादा महिमा राम के नाम की मानी गई हैं। हनुमान जी ने राम के नाम सहारे ऐसे कठिन कार्य किये। जिनके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था। राम नाम की महिमा की अनेक कथाएं मौजूद हैं। ऐसी ही एक कथा विभीषण की हैं। जिसमें समुद्रतट पर एक व्यक्ति चिंता में बैठा था। तभी वहां से विभीषण निकले।
जब उन्होंने उस व्यक्ति को चिंता में बैठे देखा। तो उन्होंने उस व्यक्ति से उसकी चिन्ता का कारण पूछा। उस व्यक्ति ने कहा कि मुझे समुद्र पार जाना हैं। लेकिन मेरे पास कोई साधन नहीं हैं। इस पर विभीषण ने कहा कि इसमें चिंता की कोई बात नहीं। मेरे पास एक ऐसा मंत्र हैं जो मैं तुम्हारे पल्लू पर बांध देता हूं। तुम इस पर श्रृद्धा रखकर पानी पर चलते जाना।
तुम उस पर पहुंच जाओगे। उस व्यक्ति ने विभीषण की बात मानकर पानी पर चलना शुरू किया तो उसने देखा कि वो व्यक्ति आधे समुद्र के रास्ते निकल गया। आधे रास्ते आने के बाद उसने सोचा कि विभीषण ने क्या मंत्र दिया है। जब खोला तो उसमें राम नाम बंधा हुआ था। यह देखकर उस व्यक्ति का विश्वास अविश्वास में बदल गया। अविश्वास उत्पन्न होते ही वह व्यक्ति पानी में डूब कर मर गया।