किसानों के लिए हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं संचालित करने वाली सरकारों के दावों की पोल आए दिन खुलती रहती है। कभी अन्नदाता की आत्महत्या तो कभी उसे जबरदस्ती जमीन से बेदखल करने की घटनाएं सरकारी दावों की हकीकत बयां करते हैं।
ऐसा ही कुछ इन दिनों जयपुर में हो रहा है। शहर के नजदीक स्थित नींदड़ गांव में तीन दिनों से 21 किसान जमीन में आधे दबे हैं, लेकिन सरकारी अधिकारियों पर इसका कोई फर्क नहीं है। दरअसल इस गांव की करीब 1350 बीघा जमीन पर जयपुर विकास प्राधिकरण नई कॉलोनी बनाने जा रहा है। लेकिन यहां के किसानों का कहना है कि वे अपनी जमीन नहीं देना चाहते हैं।
किसानों में दिख रही है नाराजगी

विरोध स्वरुप बीते तीन दिनों से यहां के किसान जमीन समाधि सत्याग्रह कर रहे हैं। गड्ढों में आधे दबे किसान भूखे रहकर विरोध जता रहे हैं। लेकिन अभी तक कोई भी सरकारी नुमाइंदा इन किसानों से बात करने नहीं पहुंचा है।
पुरूष किसानों के साथ महिला किसान भी अब इस सत्याग्रह में सम्मलित हो गई है। दरअसल जयपुर विकास प्राधिकरण 1350 बीघा जमीन में से करीब 500 बीघा जमीन अवाप्त कर चुका है। जबकि 700 बीघा से अधिक जमीन पर उसे कब्जा लेना बाकी है। लेकिन किसानों के विरोध के चलते आवाप्ति की कार्रवाई मुश्किल लग रही है।