एक अध्ययन से पता चला है कि जो लड़कियां अपने ऑनलाइन डेटिंग पार्टनर से गलत व्यवहार और शोषण का शिकार होती है। उनमें लड़कों की तुलना में गंभीर भावनात्मक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोजेक्ट साइंटिस्ट ने बताया, डिजिटल डेटिंग सभी युवाओं के लिए हानिकारक है लेकिन जेंडर मायने रखता है।
शोध में पता चला कि लड़कियां ज्यादा पीड़ित होती है- जो लड़कियां डिजिटल माध्यमों पर मॉनटरिंग, कंट्रोल, प्रेशर से लेकर धमकियां जैसे व्यवहार का सामना करती हैं। उनकी लड़कों की अपेक्षा भावनात्मक परेशानियां गंभीर और ज्यादा होती है। जब उन्होंने धमकी भरे मैसेजेस, बिना अनुमति के निजी जानकारियों को बटोरने, नेकेड फोटो जैसी मांग या उनकी गतिविधियों पर नजर रखने जैसी हरकतें हुई तो लड़कियां ज्यादा परेशान, निराश और नकारात्मक भावनाओं से भरी हुई पाई गई।
यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के प्रोफेसर ने कहा, लड़के अक्सर लड़कियों को सेक्स ऑब्जेक्ट्स मानकर व्यवहार करते हैं। जो कि डिजिटल यौन बलात्कार की उच्च दर का कारण बनता है।वहीं, लड़कियां रिश्तों को प्राथमिकता देने की उम्मीद करती है और इससे उनमें जलन और पजेसिवनेस जैसी भावनाएं आने लगती हैं। इसके चलते लड़कों की गतिविधियों पर नजर रखने की अधिक संभावना रहती है। यह अध्ययन ऐडोलेसन्स के जनरल में प्रकाशित हुआ था।