उत्पाद एवं सेवा कर (जीएसटी) राहत को लेकर अपने सहयोगी दल भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के उत्साह को साझा करने से इंकार करते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार(7 अक्टूबर) को कहा कि कर प्रणाली में बदलाव लाने के लिए केंद्र बाध्य था, क्योंकि ‘‘लोगों की शक्ति के सामने अभिमानी शासकों के पास कोई चारा नहीं था।’’शिवसेनाशिवसेना प्रमुख ने संवाददाताओं से कहा कि करों के बोझ के कारण देश परेशान था। उन्होंने कहा कि अभिमानी शासकों को लोगों की शक्ति के सामने झुकना पड़ा… वे (सरकार) लोगों के अंदर आग महसूस कर असहाय हो गए। जीएसटी में कटौती के बाद सरकार को आम लोगों के लिए कुछ करना चाहिए।’’
ठाकरे ने कहा कि सरकार को मुद्रास्फीति, ईंधन की कीमतों में कमी लानी चाहिए और लोड शेडिंग रोकनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दिवाली नजदीक है, जब लोग लक्ष्मी पूजा करते हैं। लेकिन लोगों के पास लक्ष्मी (पैसे) कम ही रह गयी हैं क्योंकि केंद्र ने उन पर कई कर लगाकर उन्हें ‘‘लूट’’ लिया है।
उन्होंने सवाल किया कि ‘‘आपने ऊंची दरें क्यों तय की जब आपको बाद में इसे कम करना था? क्या आप इतने दिनों में लोगों से एकत्र अतिरिक्त राशि उन्हें लौटाएंगे?’’ बता दें कि केंद्र सरकार ने जीएसटी को लेकर दिक्कतें ङोल रहे छोटे कारोबारियों को शुक्रवार(6 अक्टूबर) को बड़ी राहत दी।
जीएसटी परिषद की मैराथन बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ऐलान किया कि डेढ़ करोड़ रुपये तक का टर्नओवर वाले कारोबारी हर माह की जगह अब तीन महीने में रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। इसके अलावा खाखरा-चपाती, गैर ब्रांडेड नमकीन, गैर ब्रांडेड ड्राइड मैंगो, गैर ब्रांडेड आयुर्वेदिक दवाओं पर टैक्स 12 से घटाकर पांच फीसदी किया गया।