दीवाली महापर्व मनाया जाएगा। धन जीवन की सभी आवश्यकताओं को पूरा करने का माध्यम बना हुआ है। धन के अभाव में जीवन कष्टमय होने लगता है। कई बार अथक परिश्रम और प्रयासों के बावजूद अपेक्षित धन लाभ नहीं मिलता है जिससे मानसिक और शारीरिक कष्ट उठाने पड़ते हैं। यहां हम कुछ ऐसे सरल उपाय बता रहे हैं जिन्हें पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ अपनाने से जीवन में धन की कमी को काफी हद तक दूर किया जा सकता है।
दीपावली के दिन संध्या के समय अशोक वृक्ष की पूजा करके शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए तथा भाई दौज के दिन उसी वृक्ष की जड़ का एक हिस्सा लेकर रखना चाहिए। ऐसा करने से धनागमन होने लगेगा।
दीपावली की रात्रि में अथवा शुक्ल पक्ष के सोमवार को पांच गोमती चक्र अथवा पांच पूजा की सुपारी, पांच पीली कौड़ी एवं पांच साबुत हल्दी की गांठ को लाल नए वस्त्र में बांधकर घर या व्यापार स्थल की चौखट में बांधने से धन की कमी दूर होने लगती है।
दीपावली के दिन घर में अंधेरा नहीं रखना चाहिए बल्कि पूरे घर में धनतेरस से शुरुआत करके भाई दौज तक शुद्ध घी का दीपक घर के पूजा स्थल पर एवं तुलसी जी के पास अवश्य जलाना चाहिए। दीपावली की रात्रि में लक्ष्मी-गणेश जी के पूजन के बाद रात भर सरसों या तिल के तेल का दीपक जलाये रखना चाहिए। ऐसा करने से लक्ष्मी की कृपा होने लगती है।
घर या व्यापारिक स्थल पर उत्तर अथवा उत्तर-पूर्व दिशा में अलंकारिक फब्बारा या मछली घर रखने से धन लाभ होता है। मछली घर रखने में इस बात का ध्यान रखना जरूरी है की कोई भी मछली मरे नहीं। अगर कोई मछली मर जाए तो उसे निकाल कर उसकी जगह नई मछली डाल दी जाये।
अगर कोई व्यवसायी पुराने व्यवसाय के साथ-साथ कोई नया व्यवसाय आरंभ करने वाले हों तो उन्हें नए व्यवसाय स्थल पर स्वास्तिक बनाकर उस पर पुराने व्यापार स्थल से कोई भी लोहे की वस्तु लाकर रख देनी चाहिए। ऐसा करने से नया व्यापार भी धन लाभ देने लगेगा।
अथक प्रयासों के बाद भी धन लाभ न होने अथवा धन की कमी बने रहने पर शुक्ल पक्ष के गुरूवार से नियमित रूप से माथे पर केसर और चंदन का तिलक लगाकर कार्य के लिए जाना चाहिए। साथ ही प्रत्येक गुरूवार को भगवान विष्णु के अवतार भगवान राम की आराधना करनी चाहिए। गुरूवार को पीली वस्तुओं जैसे पीला वस्त्र, पीला फल, केसर, हल्दी, पुखराज या सुनहैला, केला, पीली कौड़ी आदि का दान विष्णु भगवान के मंदिर में देना चाहिए।
अगर किसी व्यक्ति को दिए गए धन की वापसी न हो रही हो अथवा अकारण ही ज्यादा धन ख़र्च हो रहा हो तो प्रत्येक शनिवार को सरसों के तेल से चुपड़ी रोटी काले कुत्ते को खिलाकर भैरव देवता से धन की कमी दूर करने की प्रार्थना करनी चाहिए।
घर-परिवार में धन की कमी के कारण समस्याएं आ रहीं हो तो किसी शुभ मुहूर्त में किसी मंदिर से केले के नर और मादा दो पौधे लाकर लगाने चाहिए और उन्हें नियमित जल से सींचना चाहिए। केले के वृक्ष के फल देने के साथ-साथ धन की कमी दूर होने लगेगी।
यदि किसी व्यवसायी के सामने धन लाभ न होने की समस्या आ रही हो तो प्रत्येक गुरूवार को व्यापार स्थल के प्रवेश द्वार पर हल्दी से स्वास्तिक बनाकर उसपर चने की दाल और गुड़ रखें और अगले गुरूवार को रखा गया पुराना सामान किसी मंदिर में चढ़ाकर नया गुड़ व चने की दाल रखें।
किसी व्यक्ति को दिए गए उधार धन की वापसी के लिए शुक्ल पक्ष के रविवार से तांबे के एक बर्तन में लाल मिर्च के ग्यारह बीज पानी में डालकर उससे सूर्य देव को अर्घ्य देते हुए ॐ सूर्याय नमः मंत्र का जप करना चाहिए।
जीवन में आने वाली आर्थिक और मानसिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए रात्रि में सोने से पहले अपने सिरहाने एक तांबे के बर्तन में लाल चंदन मिश्रित जल भरकर रखें और प्रातःकाल उस जल को तुलसी जी पर चढ़ा दें।